हर युग अपनी ज़िंदगी, अपनी सोच, अपनी जरूरतों के मुताबिक अपने जीने का ढंग, अपनी सुविधाएं , अपने साधन तय करता है, तो मनोरंजन का माध्यम इससे अछूता कैसे रह सकता है. इसलिए आज रील्स की तर्ज पे बना 90 सेकंड से भी छोटे एपिसोड वाला “शॉर्ट ड्रामा” पॉपुलर हो रहा है. अमरीका, चीन, कोरिया जैसे कई देशों में अपनी कामयाबी दर्ज करने के बाद “शॉर्ट ड्रामा” ने भारत का रुख किया. पिछले दिसंबर में Reelies नाम का एक शॉर्ट ड्रामा ऐप भारत में लॉन्च हुआ, और बड़ी तेजी से लोकप्रिय होने लगा. एक-डेढ़ मिनट के छोटे छोटे एपिसोड वाला शॉर्ट ड्रामा सीरीज 40-50 एपिसोड, 60-70 मिनट में खतम. न OTT की तरह 6-7 घंटे लगातार देखने (बिन्ज वाच) की जरूरत, न ही किसी एक जगह टिके रहने की जरूरत, जब जी चाहे, जहां जी चाहे देख लो वो भी बिना मोबाईल घुमाये क्योंकि ये रील्स की तरह शूट ही वर्टिकल होता है. इसकी शूट में कैमरा टेढ़ा होता है, इसलिए फोन पे सीधे दिखता है.
आज की रफ्तार भरी ज़िंदगी में युवाओं की पसंद बदल गई है, उन्हें पुराने घिसे-पिटे फॉर्मूले वाला एंटरटेनमेंट पसंद नहीं आता शायद इसी वजह से ज्यादा नयी फिल्में, नये सीरियल्स, OTT सीरीज आ नहीं रहे हैं… जो आ भी रहे हैं वो चल नहीं रहे हैं, पिट रहे हैं. ऐसे माहौल में Reelies जैसे शॉर्ट ड्रामा ऐप युवा वर्ग को वो परोस रहे हैं जिसमें कहीं न कहीं उन्हें अपनी ज़िंदगी अपनी चाहतों का अक्स दिखता हैं. शॉर्ट ड्रामा का दर्शक अपनी ज़िंदगी की भाग-दौड़, संघर्ष को भूलकर सिर्फ इन कहानियों का मज़ा नहीं लेता, बल्कि इन किरदारों के साथ एक नयी ज़िंदगी जीता है… वो ज़िंदगी, जो वो जीना चाहता है. जब कोई लावारिस अचानक करोड़ों का वारिस बन जाता है, या एक ही रात में अपने सच्चे प्यार को पा लेता है, तो उन्हें वो सब बड़ा अपना सा लगता है. शॉर्ट ड्रामा ऐप, Reelies की ऐसी कहानियाँ बड़ी लोकप्रिय हो रही हैं. इन में वो सब कुछ है – किरदार, इमोशन्स, ट्विस्ट, ड्रामा, रोमांस, वो भी बिना बोल्ड सीन्स और गाली गलौज के, जो लोग अपने मोबाइल स्क्रीन पर देखना चाहते हैं, और कहीं भी देख सकते है.
भारत अब पूरी तरह से मोबाइल-फर्स्ट देश बन चुका है. सस्ते डेटा प्लान और हर हाथ में स्मार्टफोन ने एंटरटेनमेंट का तरीका पूरी तरह से बदल दिया है. ऑफिस ब्रेक हो, ट्रैफिक में फँसे हों, या रात को सोने से पहले का समय हो, हर मौका बन गया है Reelies जैसा शॉर्ट ड्रामा देखने का बहाना. इसलिए शॉर्ट ड्रामा बाजार में अब बड़े बड़े खिलाड़ी भी उतरने की कोशिशों में लगे हैं.
आज के दर्शकों के लिए सिर्फ यही सहूलियत काफी नहीं है…कंटेंट को मनोरंजन के साथ-साथ उनके नैतिक पैमानों पर भी खरा उतरना पड़ता है. अधिकतर महिला किरदारों को सिनेमा ने सालों तक टाइपकास्ट कर रखा था, टीवी ने उन्हें सास-बहु के साँचे में ढाल दिया था, पर Reelies (रीलीज) अपनी कहानियों में मज़बूत महिला किरदारों का चित्रण कर रहा है, जैसे “संग रहियो” की मुख्य किरदार अपने बदमिजाज, धोखेबाज पति को छोड़कर आत्मनिर्भर बनती है और अपनी नयी पहचान बनाकर अपनी ज़िंदगी की बॉस बन जाती है, वहीं एक कंपनी की वारिस, 23-24 साल की लड़की अपनी कंपनी को डूबने से बचाने के लिए एक इंटर्न बनकर अपने ही ऑफिस में नौकरी करती है. वहाँ की कड़वी सच्चाई का सामना करती है, धीरे धीरे सब कुछ अपने हाथ में लेने की कोशिश करती है… और अपनी कंपनी और अपने अस्तित्व के लिए पूरी दुनिया से अकेले भिड़ जाती है. नये जमाने के नये कथ्यों वाली ऐसी कहानियाँ दर्शकों के दिलों को छू रही हैं.
शॉर्ट वीडियो फॉर्मेट ने भारतीयों के कंटेंट देखने का नज़रिया ही बदल दिया है. आज भारत में ऐसा कंटेंट, ऐसा शो बन रहा है जो ग्लोबल ट्रेंड्स और लोकल पसंद के बीच एक सधा हुआ संतुलन दर्शाता है. रीलीज़ जैसे ऐप नयी टेक्नोलॉजी, नये फॉर्मैट के साथ नये इंडिया की रुचि मिलाकर एंटरटेनमेंट का एक नया अनुभव परोस रहे हैं और दर्शकों को रिझा रहे हैं. रीलीज़ जैसे एंटरटेनमेंट ऐप के साथ हम एक ऐसे दौर में प्रवेश कर गये हैं जहाँ एंटरटेनमेंट सिर्फ सिनेमा हॉल में नहीं, टीवी पर नहीं, बल्कि सबकी अपनी अपनी हथेली में है.