झारखण्ड: पाकुड़ जिले में महेशपुर प्रखंड के बीचों बीच गुजरने वाली बांसलोई नदी में काले पत्थर की प्राचीन मूर्ति मिलने से कुलबोना गांव समेत आसपास के क्षेत्रों में कौतहुल का माहौल है।बुधवार की सुबह बालू उठाव के दौरान मजदूरों को मूर्ति मिली।
बताया जाता है कि बांसलोई नदी में बुधवार अहले सुबह काले पत्थर की प्राचीन मूर्ति मिलने से कुलबोना गांव समेत आसपास के क्षेत्रों में कौतुहल का माहौल बन गया।जानकारी के अनुसार प्रखंड के कुलबोना गांव के नदी घाट से मजदूर बालू का उठाव कर रहे थे। इसी दौरान मजदूरों को नदी में बड़े पत्थर पर चोट लगी।मजदूरों ने पत्थर के आसपास बालू को हटाया।तो देखा कि चमकती हुई एक पत्थर की मूर्ति दिखायी दी। जहां मजदूरों ने मूर्ति को सुरक्षित तरीके से नदी से खोदकर उठाया। नदी में मूर्ति मिलने से आसपास के क्षेत्रों में कौतुहल का माहौल बन गया है। वहीं ग्रामीण मूर्ति मिलने की खबर मिलते ही नदी से मूर्ति उठाकर कुलबोना गांव के मंदिर परिसर में रखकर पूजा-अर्चना करने लगे।बांसलोई नदी से मूर्ति निकलने की खबर आग की तरह फैल गयी।लोगों का हुजूम उक्त गांव में मूर्ति देखने के लिए जुट गया।
उधर, मूर्ति मिलने की सूचना मिलते ही महेशपुर एसडीपीओ विजय कुमार, सीओ संजय कुमार सिन्हा, बीडीओ सिद्धार्थ शंकर यादव, सीआई राजेश साहा, थाना प्रभारी सन्नी सुप्रभात दल-बल के साथ कुलबोना गांव पहुंचे और जानकारी लेते हुए मूर्ति को अपने साथ ले जाने की तैयारी करने लगे। इसी दौरान ग्रामीण मूर्ति को नहीं ले जाने को लेकर घंटों अड़े रहे।ग्रामीणों का कहना था कि यह मूर्ति इस गांव के पास से मिली है और यहां के मजदूर को मिली है। ग्रामीणों का कहना था कि इस प्राचीन काल की मूर्ति को इस गांव में ही विशालकाय मंदिर निर्माण कर स्थापित किया जाएगा।वहीं प्रशासन द्वारा आश्वासन मिलने के बाद ग्रामीणों ने मूर्ति को ले जाने दिया।
इस संबंध में महेशपुर एसडीपीओ विजय कुमार ने कहा कि मूर्ति प्राचीनकाल की प्रतीत होती है। कहा कि कुलबोना गांव के लोगों ने इस मूर्ति को नदी से निकालकर गांव के मंदिर परिसर में रखा था। मामले की सूचना मिलते ही उक्त गांव पहुंचकर सुरक्षित रखने व मूर्ति की जांच के लिए अभी थाना में रखी जाएगी।खबर है कि पुरातत्व विभाग इसकी जांच करेंगे।