नई दिल्ली: केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सीएम बनने के बाद पहली बार बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की। उन्होंने गृह मंत्री के साथ जम्मू-कश्मीर के मौजूदा सुरक्षा एवं विकासात्मक परिदृश्य पर चर्चा करने के साथ ही उन्हें प्रदेश कैबिनेट द्वारा जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा उसके वास्तविक रूप में पुनर्बहाल करने सबंधी प्रस्ताव से भी अवगत कराया।
जम्मू और कश्मीर को जल्द मिल सकता है राज्य का दर्जाखबर है कि केंद्र की तरफ से प्रक्रिया जल्द शुरू की जा सकती है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। बुधवार शाम मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की दिल्ली में बड़ी बैठक हुई है। सरकार बनाने के बाद पहली ही बैठक में एनसी सरकार ने राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रस्ताव पारित किया था। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि केंद्र जम्मू और कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। सूत्रों के अनुसार, ‘आधे घंटे तक चली बैठक काफी सौहार्दपूर्ण माहौल में रही। जम्मू और कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रक्रिया शुरू करने का गृहमंत्री ने नई सरकार को भरोसा दिया है।’
अब्दुल्ला ने बाद में कहा कि यह एक शिष्टाचार भेंट थी, जिस दौरान उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री को जम्मू-कश्नीर की स्थिति से अवगत कराया और राज्य का दर्जा बहाल करने के मुद्दे पर भी चर्चा की। जम्मू-कश्मीर के वर्ष 2019 में केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से पुलिस बल केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आता है। दिल्ली में अपने प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री अब्दुल्ला कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करेंगे और संभावना है कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मिल सकते हैं। 90 सीटों वाली जम्मू और कश्मीर विधानसभा में एनसी ने 42 सीटों पर जीत हासिल की थी।
बता दें कि उमर अब्दुल्ला ने 16 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और तीन दिन पूर्व गांदरबल के गगनगीर क्षेत्र में एक हमले में आतंकियों ने डॉक्टर समेत सात लोगों की जान ले ली थी। जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद से पुलिस व आंतरिक सुरक्षा का विषय गृह मंत्रालय के अधीन आता है। उमर फिलहाल नई दिल्ली में हैं और वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मिल सकते हैं। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में नेकां-कांग्रेस गठबंधन ने बहुमत प्राप्त कर लिया था और सरकार के गठन के बाद पहली मंत्रिमंडल की बैठक में जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव पास किया था। प्रस्ताव के तहत मुख्यमंत्री को राज्य के दर्जे पर प्रधानमंत्री और केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा करने के लिए अधिकृत किया गया था। इस प्रस्ताव पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मुहर लगा चुके हैं।