नई दिल्ली: दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, 8 जनवरी को राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 334 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। इसके चलते दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण की पाबंदियां फिर से लागू कर दी गई हैं।
आदेश के अनुसार, ये पाबंदियां तत्काल प्रभाव से लागू हो गई हैं। GRAP-3 लागू होने का मतलब है कि प्रदूषण की स्थिति ‘बेहद खराब’ है और तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। GRAP के पहले और दूसरे चरण की पाबंदियां पहले से ही लागू हैं, और अब तीसरे चरण की पाबंदियां भी जोड़ दी गई हैं।
GRAP-3 के तहत लागू की गई कुछ प्रमुख पाबंदियों में गैर-ज़रूरी निर्माण कार्यों पर रोक शामिल है, जिसका मतलब है कि आवश्यक निर्माण कार्यों को छोड़कर बाकी सभी निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा, BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल वाहनों के परिचालन पर भी रोक लगाई गई है, जिसका उद्देश्य सड़कों पर प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की संख्या को कम करना है। इन पाबंदियों के साथ-साथ धूल नियंत्रण के उपायों को भी सख्ती से लागू किया जाएगा, जिसमें सड़कों की सफाई और पानी का छिड़काव जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं, ताकि हवा में धूल के कणों को कम किया जा सके।
पिछले महीने वायु गुणवत्ता में सुधार आने के बाद GRAP के चौथे और फिर तीसरे चरण की पाबंदियों को हटा लिया गया था। हालांकि, AQI के फिर से ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंचने के कारण GRAP-3 की पाबंदियां फिर से लागू कर दी गई हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनी हुई है और इस पर नियंत्रण पाने के लिए लगातार प्रयासों की आवश्यकता है।