फर्जी ख़बरों के निर्धारण का जिम्मा केवल सरकार नहीं कर सकती : एडिटर्स गिल्ड  

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने केंद्र से सोशल मीडिया कंपनियों को पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के फर्जी माने जाने वाले समाचारों को हटाने के लिए निर्देश देने वाले आईटी नियमों में संशोधन के मसौदे को हटाने का आग्रह किया है। एडिटर्स गिल्ड का यह आग्रह केंद्र सरकार के फर्जी पर लगाम लगाने के लिए कुछ आईटी नियमों में संशोधन करने की ख़बरों के बाद आया है।

एक बयान में एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा – ‘हम मंत्रालय से इस नए संशोधन को हटाने और डिजिटल मीडिया के लिए नियामक ढांचे पर प्रेस निकायों, मीडिया संगठनों और अन्य हितधारकों के साथ सार्थक परामर्श शुरू करने का आग्रह करते हैं। हम चाहते हैं कि प्रेस की स्वतंत्रता को कोई नुकसान न हो।’

गिल्ड ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियम के मसौदा संशोधन पर वह गहरी चिंता जताता है क्योंकि हम मानते हैं कि फर्जी समाचारों के निर्धारण का जिम्मा केवल सरकार के हाथों में नहीं हो सकता है। यदि ऐसा होता है तो यह प्रेस की सेंसरशिप होगी।

अपने बयान में गिल्ड ने आगे कहा – ‘तथ्यात्मक रूप से गलत पाए जाने वाली सामग्री से निपटने के लिए पहले से ही कई कानून मौजूद हैं। यह नयी प्रक्रिया मूल रूप से स्वतंत्र प्रेस को दबाने में इस्तेमाल हो सकती है और पीआईबी या तथ्यों की जांच के लिए केंद्र सरकार के अधिकृत किसी अन्य एजेंसी को उन ऑनलाइन मध्यस्थों को सामग्री को हटाने के लिए मजबूर कर सकती है जिससे सरकार को समस्या हो सकती है।’

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