झारखंड विधानसभा में स्वर्णरेखा नदी में पानी का बहाव कम होने का मुद्दा उठा

झारखंड: जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने विशेष उल्लेख के माध्यम से विधानसभा में स्वर्णरेखा नदी में पानी का बहाव कम होने के कारण जमशेदपुर की मोहरदा पेयजल परियोजना के परिचालन में हो रही कठिनाई का मामला उठाया और माँग किया कि विधानसभा चांडिल डैम से पानी छोड़ने का निर्देश सरकार को दे।
विधानसभा अध्यक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री के विषय का संज्ञान लेने और सरकार से सदन की मंशा को क्रियान्वित करने का नियमन दिया।
विधायक सरयू राय ने सदन से कहा कि मैंने विधानसभा में चांडिल डैम से मोहरदा पेयजल परियोजना के लिए पानी छोड़ने के संबंध में दो दिन पूर्व सवाल किया था पर सरकार ने इंकार कर दिया। कहा कि किसान डैम को पूरा भरने नहीं देते।इसलिए पानी छोड़ना संभव नहीं है।
उन्होंने सदन को बताया कि सरकार ग़लतबयानी कर रही है।राष्ट्रीय जल नीति का उलंघन कर रही है। राष्ट्रीय जल नीति 2002 के अनुसार नदी के जल पर पहला अधिकार पीने के पानी के लिए है।प्राथमिकता में नदी जल का औद्योगिक उपयोग चौथे नम्बर पर है। यदि डैम में पानी कम है तो उद्योगों के लिये नदी जल देने में सरकार कटौती करे, न कि पेयजल के हिस्सा में।
श्री राय ने सभा अध्यक्ष से कहा कि वे जल संसाधन विभाग से आँकड़ा माँगे कि चांडिल डैम का डेड स्टोरेज लेन्स क्या है और पूरा लेनेवाले कितना है। मानसून आने के पहले विभाग डैम का कितना पानी ख़ाली करना चाहता है ताकि बरसात के समय यहाँ ज़्यादा पानी संग्रह हो और निचले इलाक़े में बाढ़ नहीं आए।इस आधार पर सरकार मोहरदा जलापूर्ति के लिए पानी छोड़ने का विवरण प्रस्तुत करे।श्री राय ने इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री से भी बात किया।इस मुद्दे पर वे कल उनके साथ बैठक कर मामले का निपटान करेंगे।

सरकार पर राष्ट्रीय जल नीति का उलंघन करने का लगाया आरोप

झारखंड : जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने विशेष उल्लेख के माध्यम से विधानसभा में स्वर्णरेखा नदी में पानी का बहाव कम होने के कारण जमशेदपुर की मोहरदा पेयजल परियोजना के परिचालन में हो रही कठिनाई का मामला उठाया और माँग किया कि विधानसभा चांडिल डैम से पानी छोड़ने का निर्देश सरकार को दे।
विधानसभा अध्यक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री के विषय का संज्ञान लेने और सरकार से सदन की मंशा को क्रियान्वित करने का नियमन दिया।
विधायक सरयू राय ने सदन से कहा कि मैंने विधानसभा में चांडिल डैम से मोहरदा पेयजल परियोजना के लिए पानी छोड़ने के संबंध में दो दिन पूर्व सवाल किया था पर सरकार ने इंकार कर दिया। कहा कि किसान डैम को पूरा भरने नहीं देते।इसलिए पानी छोड़ना संभव नहीं है।
उन्होंने सदन को बताया कि सरकार ग़लतबयानी कर रही है।राष्ट्रीय जल नीति का उलंघन कर रही है। राष्ट्रीय जल नीति 2002 के अनुसार नदी के जल पर पहला अधिकार पीने के पानी के लिए है।प्राथमिकता में नदी जल का औद्योगिक उपयोग चौथे नम्बर पर है। यदि डैम में पानी कम है तो उद्योगों के लिये नदी जल देने में सरकार कटौती करे, न कि पेयजल के हिस्सा में।
श्री राय ने सभा अध्यक्ष से कहा कि वे जल संसाधन विभाग से आँकड़ा माँगे कि चांडिल डैम का डेड स्टोरेज लेन्स क्या है और पूरा लेनेवाले कितना है। मानसून आने के पहले विभाग डैम का कितना पानी ख़ाली करना चाहता है ताकि बरसात के समय यहाँ ज़्यादा पानी संग्रह हो और निचले इलाक़े में बाढ़ नहीं आए।इस आधार पर सरकार मोहरदा जलापूर्ति के लिए पानी छोड़ने का विवरण प्रस्तुत करे।श्री राय ने इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री से भी बात किया।इस मुद्दे पर वे कल उनके साथ बैठक कर मामले का निपटान करेंगे।

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