पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की फांसी सजा पर नहीं मिली राहत

सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की फांसी की सजा पर माफी की याचिका पर उन्हें कोई राहत नहीं दी है। सर्वोच्च अदालत ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने से इनकार कर दिया है। 2 मार्च को सर्वोच्च अदालत ने बलवंत सिंह राजोआना की अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा था। उस समय केंद्र सरकार की तरफ से दाखिल हलफनामे कानून व्यवस्था बिगड़ने का हवाला दिया गया था। अब सर्वोच्च अदालत ने दया याचिका पर केंद्रीय गृहमंत्रालय को जल्द फैसला लेने को भी कहा है।

बलवंत सिंह राजोआना करीब 27 साल से जेल में बंद हैं। उनकी दया याचिका भी 10 साल से ज़्यादा से केंद्र सरकार के पास लंबित है। राजोआना की तरफ से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि बम ब्लास्ट में मुख्यमंत्री की मौत हो गई थी। मामले में जुलाई 2007 में सज़ा सुनाई गई थी और हाई कोर्ट ने 2010 में सज़ा बरकरार रखा था। राजोआना 27 साल से जेल में है, 2012 से दया याचिका लंबित है।

वकील मुकुल रोहतगी की कोर्ट में दलील थी कि मौत की सज़ा के मामले में लंबे समय तक देरी करना मौलिक अधिकार का हनन है। उन्होंने कहा कि 2012 से दया याचिका लंबित है, हम 2023 में आ गए, यह सीधे रूप से कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। रोहतगी ने कहा कि राजोआना की उम्र अब 56 साल हो गई है जबकि जब घटना हुई थी उस समय राजोआना युवा थे।

Related Posts

About The Author