सेना के कब्जे वाली भूमि और चेशायर होम रोड की जमीन का फरजी दस्तावेज बनाने वाले भरत प्रसाद और राजेश राय गिरफ्तार

इडी ने विशेष कोर्ट में प्रस्तुत कर रिमांड पर लेने की गुजारिश की

राँची ( झारखण्ड ) : सेना के कब्जेवाली भूमि का अवैध खरीद-बिक्री करनेवाले गिरोह के और दो सदस्यों को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया है। राजेश राय और फरजी पावर ऑफ एटॉर्नी होल्डर भरत प्रसाद को इडी ने सोमवार रात गिरफ्तार किया। इन दोनों पर चेशायर होम रोड के प्लाट नंबर 28 की जमीन के फरजी दस्तावेज बना कर उसे पहले पुनीत भार्गव और बाद में न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल को बेचने के प्रमाण इडी को मिले हैं। इन दोनों को मंगलवार को इडी की विशेष अदालत में प्रस्तुत कर रिमांड पर लेने की गुजारिश की जायेगी। बताते चलें कि राजेश राय ने जगदीश राय के नाम से खाता नंबर 28 की जमीन का फरजी दस्तावेज आजादी के पहले का बनवाया था। राजेश राय ने पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश के करीबी पुनीत भार्गव ने इस ज़मीन में करोड़ों रुपए का निवेश किया है। पुनीत भार्गव ने रांची के चेशायर होम रोड में जिस भूमि की डील की थी, उसकी रजिस्ट्री के लिए एक करोड़ अस्सी लाख रुपए से ज़्यादा की राशि खर्च की गई।
सारे पैसों का ट्रांज़ेक्शन चेक के माध्यम से राजेश राय को किया। पूरी राशि के भुगतान के लिए बैंक ऑफ़ बड़ौदा के एकाउंट के आठ चेक का इस्तेमाल किया गया। पुनीत भार्गव ने राजेश राय से 6 फरवरी 2021 को जमीन खरीदी और दो महीने बाद इस भूखंड को 1 करोड़ 80 लाख रुपए में विष्णु अग्रवाल को बेच दी। इस लिहाज से देखें तो पुनीत भार्गव को डेढ़ लाख रुपए का मुनाफा हुआ। पुनीत भार्गव ने जमीन रजिस्ट्री करने के एवज में राजेश राय को 1 करोड़ 78 लाख 55 हज़ार 800 रुपए का भुगतान किया और करीब 7 लाख रुपए का खर्च स्टाम्प और कोर्ट फ़ीस में हुआ था।
अब तक सेना के कब्जेवाली भूमि में 10 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसमें रांची के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन, बड़गाई अंचल के हल्का कर्मचारी भानू प्रताप, रिम्स के रेडियोलाजी विभाग के कर्मी अफसर अली उर्फ अब्सू खान, जमीन ब्रोकर इम्तियाज अहमद, तल्हा खान, प्रदीप बागची, कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल, जगतबंधू टी इस्टेट के दिलीप घोष तथा अन्य शामिल हैं। ये सभी न्यायिक हिरासत में हैं और बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं। 13 अप्रैल को इडी ने राज्यव्यापी छापेमारी अभियान के बाद आइएएस छवि रंजन, कारोबारी अमित अग्रवाल और जगतबंधू टी इस्टेट के मालिक को छोड़ अन्य सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

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