झारखंड प्रदेश भाजपा के नये अध्यक्ष बने पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी, दीपक प्रकाश हटे

लोकसभा चुनाव और 2024 के विधानसभा चुनाव इनके नेतृत्व में लड़ने की तैयारी

भारतीय जनता पार्टी ने कई राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को बदल दिया है। झारखंड समेत तेलांगना के प्रदेश अध्यक्ष बदल दिये गये हैं। राज्य के पहले मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को झारखंड का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस संबंध में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह के हस्ताक्षर से अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है। वहीं तेलांगना के नये प्रदेश अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को बनाया गया है। यह नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से लागू हो गयी हैं। दो दिन पहले पंजाब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष से भी इस्तीफा मंगा लिया गया था। केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल समेत सांगठनिक ढांचे में बदलाव को लेकर कई बातें सामने आ रही थीं।
दीपक प्रकाश की जगह लेंगे बाबूलाल मरांडी
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश की जगह लेंगे। दीपक प्रकाश का कार्यकाल इसी वर्ष जनवरी में समाप्त हो गया था। दीपक प्रकाश को हटाये जाने की चर्चा दिल्ली में तीन-चार दिनों से जोरों पर थी। पार्टी आलाकमान ने आगामी लोकसभा चुनाव और राज्य विधानसभा चुनाव को देखते हुए नये प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की है।
बाबूलाल मरांडी का राजनीतिक कैरियर
1991 में बाबूलाल मराण्डी भाजपा के टिकट पर दुमका लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 1996 में वे फिर झामुमो सुप्रीमो शिबू शोरेन से हार गये। इसके बाद भाजपा ने 1998 में उन्हें विधानसभा चुनाव के दौरान झारखण्ड भाजपा का अध्‍यक्ष बनाया था । पार्टी ने उनके नेतृत्‍व में झारखण्ड क्षेत्र की 14 लोकसभा सीटों में से 12 पर कब्‍जा किया। 1998 के चुनाव में उन्होंने शिबू सोरेन को पराजित कर राजग की सरकार में मंत्री बनने का गौरव हासिल किया था। 2000 में जब अलग झारखंड राज्य बना, तो उनके नेतृत्व में झारखंड में राजग की पहली सरकार बनी पहली सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने कई सराहनीय कदम उठाये। छात्राओं के लिए साइकिल की व्यवस्था, ग्राम शिक्षा समिति बनाकर स्थानीय विद्यालयों में पारा शिक्षकों की बहाली, आदिवासी छात्र छात्राओं के लिए प्लेन पायलट की प्रशिक्षण, सभी गाँवों, पंचायतों और प्रखण्डों में आवश्यकतानुसार विद्यालयों का निर्माण, राज्य में सड़कें, बिजली और पानी की उचित व्यवस्था के लिए अन्य योजनाओं की शुरुआत की। जनता को विश्वास होने लगा था झारखण्ड राज्य विकास की ओर अग्रेसित हो रहा है। तीन साल बाद दो बागी मंत्रियों की वजह से राज्य की बाबूलाल मरांडी की सरकार गिर गयी और अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में नयी सरकार बनी। उन्‍होंने राज्‍य में एनडीए को विस्‍तार (विशेषकर राँची में) देने का कार्य किया। 2004 के लोकसभा चुनाव में कोडरमा से लोकसभा चुनाव जीता, जबकि अन्य नेता हार गयी। 2006 में भाजपा और कोडरमा सीट से इस्तीफा देने के बाद झारखंड विकास मोरचा नामक नयी राजनीतिक पार्टी बनायी। भाजपा के 5 विधायक भी भाजपा छोड़कर इसमें शामिल हो गए। इसके बाद कोडरमा उपचुनाव में वे निर्विरोध चुन लिए गए। 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्‍होंने अपनी पार्टी की ओर से कोडरमा सीट से चुनाव लड़कर बड़ी जीत हासिल की। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद हुए झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद इन्होंने फिर 14 साल बाद भारतीय जनता पार्टी में अपने आप को शामिल कराया।

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