सीबीआइ निदेशक प्रवीण सूद रांची में, कर रहे हैं मामलों की समीक्षा

रांची: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के डायरेक्टर प्रवीण सूद बुधवार को एक दिवसीय झारखंड दौरे पर हैं। प्रवीण सूद आज सुबह 10 बजे विमान से रांची के बिरसा मुंडा एअरपोर्ट पहुंचे। उन्हें विश्राम के लिए आईएएस क्वाटर ले जाया गया। प्रवीण सूद आज रांची स्थित सीबीआई की आर्थिक शाखा, एंटी करप्शन ब्यूरो और चिटफंड की शाखा की समीक्षा करेंगे। सीबीआई के डायरेक्टर बनने के बाद यह प्रवीण सूद का पहला झारखंड दौरा है। प्रवीण सूद का जन्म हिमाचल प्रदेश में साल 1964 में हुआ था। उन्होंने आईआईटी दिल्ली से ग्रेजुएशन किया है। वो 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। सीबीआई डायरेक्टर बनने से पहले वो कर्नाटक के डीजीपी थे।
जानकारी के अनुसार झारखंड में सीबीआइ के दो दर्जन से अधिक मामले चल रहे हैं। इसमें जज अभिषेक आनंद हत्याकांड, संजीवनी बिल्डकोन प्राइवेट लिमिटेड का जमीन घोटाला, राज्य के पूर्व मंत्रियों के आय से अधिक संपत्ति मामला, पूर्व से चले आ रहे पशुपालन घोटाला, अवैध खनन घोटाला, हार्स ट्रेडिंग मामला (राज्यसभा चुनाव) समेत अन्य मामले हैं।
सीबीआइ के कुछ प्रमुख मामले

राज्य के पूर्व मंत्री दुलाल भुइयां के आय से अधिक संपत्ति की जांच सीबीआइ कर रही है। इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट में भी सीबीआइ के आदेश को चुनौती दी गयी है। भुइयां, मधु कोड़ा के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री थे। हाल ही में सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें इस मामले में पांच साल के कारावास की सजा सुनाई है। भुइयां इन दिनों जमानत पर हैं और अब उन्होंने उच्च न्यायालय का रूख किया है। भुइयां कई दलों में शामिल रहे और अब वे हाल ही में बसपा में शामिल हो गये हैं।
इससे पहले झारखंड हाई कोर्ट में विधायकों एवं पूर्व विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों की त्वरित सुनवाई की मांग वाली सीबीआइ की याचिका में कहा था कि जनप्रतिनिधियों के आपराधिक मामलों का निपटारा जल्द होना चाहिए। अदालत ने इस मामले में सीबीआइ को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से हाई कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल किया गया। जिसमें बताया गया कि पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, विधायक भानु प्रताप शाही, पूर्व विधायक एनोस एक्का और कमलेश सिंह के मामले में ईडी कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। राज्य सरकार की ओर से विधायकों के खिलाफ चल रहे ट्रायल की स्थिति की जानकारी दी गई थी। जिसमें बताया गया कि 76 मामलों में ट्रायल चला। 14 मामले निष्पादित हो चुके हैं। इनमें 10 मामलों में आरोपी बरी हो चुके हैं। चार मामलों में अदालत ने सजा सुनाई है। फिलहाल 62 मामलों में ट्रायल अभी लंबित हैं। बता दें कि झारखंड अगेंस्ट करप्शन की ओर से इस संबंध में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
संजीवनी बिल्कडोन मामला
संजीवनी बिल्डकान द्वारा फ्लैट देने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने स्पीडी ट्रायल करने को कहा है। राज्य के पूर्व गृह सचिव जेबी तुबिद की गवाही दर्ज की गई। गवाही के दौरान जेबी तुबिद ने बताया कि इस मामले के आरोपित पूर्व सीआइ राजीव रंजन के खिलाफ मुकदमा चलाने की अभियोजन स्वीकृति प्रदान की थी। उनकी ओर से अभियोजन स्वीकृति के आदेश की पहचान भी की गई। सीबीआइ ने 26 नवंबर 2014 को सभी आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। अदालत ने आरोपितों के खिलाफ 25 फरवरी 2021 को आरोप तय किया था। इसके बाद से सीबीआइ की ओर से गवाही दर्ज कराई जा रही है। तत्कालीन सीओ ओम प्रकाश यादव, कृष्ण कुमार, सीआइ राजीव रंजन, मेसर्स संजीवनी बिल्डकान के अनामिका नंदी, श्याम किशोर गुप्ता, राजस्व कर्मचारी शशि भूषण सिंह व श्याम सुंदर राय एवं अरविंद कुमार सिंह ट्रायल फेस कर रहे हैं। बता दें कि जगन्नाथपुर थाने में वर्ष 2012 में दर्ज मामले को टेक ओवर करते हुए जांच शुरू की थी।
सीबीआई ने संजीवनी बिल्डकॉन, निदेशकों पर एक और मामला दर्ज किया। सीबीआई ने राजधानी राँची के लोअर बाजार में 25 अगस्त 2017 को दर्ज कांड संख्या 289/2017 को टेकओवर करते हुए कांड संख्या आरसी 0242022S00006 दर्ज किया है। सीबीआई ने आईपीसी की धारा 120B, 406, 420, 467 और 468 के मामला दर्ज किया है।इस कांड के शिकायतकर्ता धुर्वा के एचइसी कालोनी के क्वार्टर नंबर डीटी-1314 निवासी दिनेश कुमार तिवारी है। संजीवनी बिल्डकान कंपनी का प्रबंध निदेशक जयंत दयाल नंदी अब तक फरार है, जिसके विरुद्ध पहले से ही लुक आउट नोटिस जारी है।
सीबीआई ने इन लोगों के ऊपर किया मामला दर्ज
सीबीआई ने संजीवनी बिल्डकान प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अलावा कंपनी की निदेशक अनामिका नंदी, सुरजीत गोस्वामी, प्रबंधक श्याम किशोर गुप्ता व मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव श्वेता रानी, अंचल अधिकारी रहे केके राजहंस, हल्का कर्मचारी रहे शशिभूषण सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन सभी लोगों पर आपराधिक साजिश कर धोखाधड़ी करने का आरोप है। आरोप है,कि उनलोगों ने एक साजिश के तहत दूसरे की जमीन की रजिस्ट्री शिकायतकर्ता दिनेश कुमार तिवारी व उनकी पत्नी के नाम पर की थी।इसके एवज में विभिन्न तिथियों में 26 लाख 6800 रुपये की ठगी की गई थी। इसकी जानकारी दिनेश कुमार तिवारी को तब मिली, जब वे अपनी रजिस्टर्ड जमीन पर निर्माण करने पहुंचे तो कुछ लोगों ने इसका विरोध कर दिया।इसके बाद उन्होंने जमीन के दस्तावेज की जांच कराई तो पता चला कि उक्त जमीन खतियानी रैयत चामा मुंडा व अन्य के नाम पर पंजीकृत है। इसके बाद खुद को ठगा पाकर दिनेश कुमार तिवारी ने कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। कोर्ट के आदेश पर ही राँची के लोअर बाजार थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।अब हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज की है।
पहले 58.67 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुकी है ईडी
संजीवनी बिल्डकान के विरुद्ध ईडी ने भी करीब चार साल पहले मनी लांड्रिंग के तहत अनुसंधान शुरू की थी.ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत अनुसंधान के बाद अब तक इस कंपनी से संबंधित 58 करोड़ 68 लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति जब्त कर ली है. जब्त संपत्तियों में रांची की इस कंपनी की 98 अचल संपत्तियों के अलावा छत्तीसगढ़ के रायपुर में तीन दुकानें व बैंकों में पड़े फिक्स डिपोजिट के रुपये शामिल हैं. इससे पहले संजीवनी बिल्डकान के खिलाफ रांची के अलग-अलग थानों में कुल 33 कांड दर्ज किए गए थे, जिसे सीबीआइ ने टेकओवर किया था. इसके अलावा रांची से बाहर भी कई केस दर्ज थे. साल 2014 में सीबीआइ ने संजीवनी बिल्डकान के विरुद्ध अनुसंधान शुरू किया था।

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