डेरेक ओ’ब्रायन ने राम लीला मैदान में धरने, आवास की अनुमति के लिए दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा

नई दिल्ली : टीएमसी, धरना कार्यक्रम के दौरान रामलीला मैदान में रुकने के लिए ‘नहीं’ कहे जाने के बाद भी तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता डेरेक ओ’ब्रायन ने फिर दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा। दिल्ली में कई जगहों पर धरना कार्यक्रम का प्लानिंग किया है तृणमूल कांग्रेस ने | 

अक्टूबर के 2 और 3 तारीख को दिल्ली में धरना कार्यक्रम को लेकर तृणमूल ने एक बार फिर दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा | तृणमूल के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने एक पत्र लिखकर धरना कार्यक्रम के लिए रामलीला मैदान में लगभग 50,000 लोगों के रहने की व्यवस्था की मांग की है। 

अभिषेक बनर्जी पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि कार्यक्रम होगा, ममता बनर्जी ने कहा कि जरूरत पड़ने पर सभी सांसद और विधायक राजघाट जाएंगे | इस दिन के पत्र में डेरेक ने लिखा, ”पश्चिम बंगाल में मनरेगा के कार्यकर्ता 30 सितंबर से 4 अक्टूबर तक दिल्ली के विभिन्न इलाकों में धरना देंगे | उस मौके पर तृणमूल रामलीला मैदान में करीब 50 हजार लोगों के रहने की व्यवस्था करना चाहती है | दिल्ली पुलिस ने पहले 2 अक्टूबर को दिल्ली में तृणमूल के कार्यक्रम को अनुमति देने से इनकार कर दिया था। 2 अक्टूबर को केंद्र से मनरेगा खाते में पैसा न मिलने के विरोध पर तृणमूल का कार्यक्रम था, कार्यक्रम पूरे दिन रामलीला मैदान से आयोजित करने की योजना थी। लेकिन उस कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी गई थी और दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में जानकारी पार्टी को दे दिया था | 

इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस के तरफ से बताया गया था, ”2 अक्टूबर को हमारा दिल्ली में धरना था, इसलिए हम रामलीला मैदान चाहते थे | लेकिन दिल्ली पुलिस ने इससे इनकार किया था | हमें 30 सितंबर से 4 अक्टूबर तक रामलीला मैदान चाहिए, 2 अक्टूबर को बैठक होगी हमने उस आवेदन को 23 अगस्त को जमा कर दिया था | लेकिन दिल्ली पुलिस ने 28 अगस्त को अचानक घोषणा की कि बुकिंग के लिए और भी पहले आवेदन देना चाहिए था और यह जगह पहले बुकिंग हो रखा है, इसलिए यह अब नहीं दिया जा सकता”| दिल्ली पुलिस को इसलिए फिर भेजा पत्र | 

दिल्ली में कई जगहों पर पार्टी का धरना कार्यक्रम को तैयार किया गया है | लेकिन इतने कार्यकर्ताओं-समर्थकों को ठहराने के लिए टेंट की व्यवस्था करने, खाने का बंदोबस्त करने को लेकर पुलिस को दोबारा पत्र लिखकर रामलीला मैदान में जगह का परमिशन मांगा है | अभी तक तृणमूल नेतृत्व को पुलिस से कोई हरी झंडी नहीं मिली है |

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