सिर्फ दंड देने के लिए नहीं बल्कि न्याय के लिए होगा कानून : संजय सेठ

*कानून सुधार विधेयक के लिए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का आभार, अंग्रेजों की गुलामी वाली व्यवस्था से मिलेगी मुक्ति

झारखंड : आजादी के 75 वर्ष बीतने के बाद भी इस देश में आतंकवाद की कोई व्याख्या नहीं थी। इसका फायदा आतंकवाद से जुड़े लोग उठाते थे। इतना ही नहीं हमारे यहां राजद्रोह का कानून था, जो अब देशद्रोह में बदल गया है। यह भारतीय कानून व्यवस्था में ऐतिहासिक सुधार है, जो देश की जनता को दंड देने के लिए नहीं बल्कि न्याय देने के लिए लाया गया। उपरोक्त बातें रांची के सांसद संजय सेठ ने लोकसभा में कानून से संबंधित सुधार विधेयक पास होने के बाद कहीं। सांसद श्री सेठ ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार भी प्रकट किया है। सांसद ने कहा कि आज विधेयक पास होने के साथ ही हम सबको गुलामी वाले कानून से मुक्ति मिल गई। यह आजादी के अमृत काल की सौगात है। डेढ़ सौ वर्ष पहले अंग्रेजों ने इस देश पर शासन करने के लिए जो कानून बनाया था, वह अब तक यह देश ढोता रहा है। पूर्व की सरकारों ने ऐसी कोई परिपाटी नहीं बनाई। ऐसी कोई व्यवस्था नहीं बनाई। किसी का ध्यान इस तरफ गया ही नहीं की कानून का काम न्याय करना होना चाहिए, दंड देना नहीं। यह सौभाग्य है कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जनता की जरूरत को महसूस किया और इसमें बड़ा अभूतपूर्व और क्रांतिकारी परिवर्तन किया है। सांसद ने कहा कि कानून दंड देने के लिए नहीं होगा। यह कानून जनता को न्याय देने के लिए होगा। जिस रामराज्य की कल्पना पूज्य महात्मा गांधी जी ने की थी, वह राम राज्य इसी कानून के जरिए ही पूर्ण हो सकेगा।

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