हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (एच.के.आर.एन.एल.) द्वारा राज्य स्तरिय एक दिन की हडताल का आयोजन आज
दिनांक 16 फरवरी 2024 को किया गया है। जिसके चलते कौशल रोजगार निगम के तहत लगे कर्मचारी आज हडताल पर रहे। इसके साथ ही राज्य में किसान आनदोलन के चलते भी स्वास्थ्य विभाग चौकस है।
इस बारे जानकारी देते हुये मुकन्द लाल जिला नागरिक अस्पताल यमुनानगर की प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिव्या मंगला ने बताया कि एक तरफ तो राज्य में किसान आनदोलन चल रहा है जिसके चलते हमारे साथ लगते जिलों अम्बाला व कुरूक्षेत्र में हाई एलर्ट भी है। अतः जिला यमुनानगर स्वास्थ्य विभाग भी स्थीति के प्रति सजग है तथा किसी भी आपातकालिन परिस्थीति के लिये तैयार है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आज हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (एच.के.आर.एन.एल.) द्वारा एक दिवसिय हडताल का आयोजन भी किया गया है, जिसके चलते एच.के.आर.एन.एल. के तहत कार्यरत कर्मचारी हडताल पर हैं। डॉ. मंगला ने बताया कि एच.के.आर.एन.एल. के तहत सिविल अस्पताल यमुनानगर में 137 व सिविल सर्जन कार्यालय में 16 कर्मचारी कार्यरत हैं। उन्होने बताया कि हडताल के कारण अस्पताल के किसी भी कार्य पर हडताल का कोई प्रभाव नही पडा है, क्योंकि एच.के.आर.एन.एल. के तहत अधिकतर कम्प्यूटर ऑपरेटर व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी कार्यरत हैं तथा पहले से ही उनके स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था की जा चुकि थी तथा रेडीयोग्राफर अपनी ड्यूटी पर रहे, अतः एक्स-रे की सूविधा भी सुचारू रूप से चलती रही। अस्पताल में मरीजों को सभी स्वास्थ्य सेवाऐं प्रदान की गई, किसी भी मरीज अथवा उनके अभिभावकों को हडताल के कारण असुविधा का सामना नहीं करना पडा।
डॉ. दिव्या मंगला ने बताया कि अभी हुई नई भर्तियों के तहत सिविल अस्पताल में पहली बार किसी महिला ऑप्रेशन थीयेटर एसिस्टेंट (ओ.टी.ए.) को नियुक्त किया गया है, इसके साथ ही पहली बार दंत स्वास्थिक के पद पर किसी को नियुक्ती प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में पहले से एक डाईटीशियन डॉ. रिमा बेरी कार्यरत है तथा अब उनके साथ एक ओर नवनियुक्त डाईटीशियन ने भी अस्पताल में कार्यभार सम्भाल लिया है।
डॉ. दिव्या मंगला ने जानकारी देते हुये बताया कि समाज सेवी तरूण ककड द्वारा सिविल अस्पताल यमुनानगर को व्हील चैयसर्् दान में प्रदान की गई हैं, यह व्हील चैयर्स् फोल्डेब्ल नहीं हैं। उन्होने बताया कि फैल्डेबल व्हील चैयर्स् पर मरीज बैठने में सहज नहीं होता, क्योंकि उसमें बैठने के स्थान पर केवल कपडा होता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रकार से सभी को धर्मार्थ कार्य करते रहने चाहिये, इस प्रकार मरीजों के लिये दान करने से स्वास्थ्य विभाग को तो सहयोग मिलता ही है, अपितु मरीजों को भी बेहतर सेवाऐं प्राप्त होती हैं। इस प्रकार का दान करने से जब भी मरीज सेवा प्राप्त करता है तो इसका पुण्य दानकर्ता को प्राप्त होता है।