दुनिया में तमाम कोशिशों के बावजूद सदी के अंत तक वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना संभव नहीं हो सकता है। यह बात संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट में कही गयी है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन ‘सीओपी 27′ छह से 18 नवंबर के बीच मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित किया जाएगा।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कई देश वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती के प्रयास कर रहे हैं, हालांकि, ये प्रयास सदी के अंत तक वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए काफी नहीं हैं।
यूएन एनडीसी सिंथेसिस 2022 के यह रिपोर्ट पिछले कल जारी की गई। रिपोर्ट के अनुसार, पेरिस समझौते के तहत 193 देशों का संयुक्त जलवायु संकल्प सदी के अंत तक वैश्विक तापमान में करीब 2.5 डिग्री सेल्सियस वृद्धि के लिए दुनिया को पटरी पर ला सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा प्रतिबद्धताओं से 2010 के स्तर की अपेक्षा 2030 तक उत्सर्जन में 10.6 प्रतिशत की वृद्धि होगी। यह पिछले साल के उस आकलन के लिहाज से सुधार है, जिसमें पाया गया था कि विभिन्न देश 2010 के स्तर की अपेक्षा 2030 तक उत्सर्जन में 13.7 प्रतिशत की वृद्धि करने की दिशा में अग्रसर थे।
विश्लेषण से जाहिर होता है कि अनुमानित उत्सर्जन 2030 से आगे भी बढ़ता रहेगा। हालांकि, इस साल के विश्लेषण से पता चलता है कि 2030 के बाद उत्सर्जन में वृद्धि नहीं होगी लेकिन उनमें तेजी से नीचे की ओर आने का रुझान नहीं दिख रहा है।