शहीदी दिवस पर अमर शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को समर्पित कुछ मिसरे

मनमोहन सिंह ‘दानिश’

लड़ो रोशनी की खातिर ये जंग है
उठाओ मशालें बहुत गहरा तम है

है अंधेरे ने छीना हम से उजाला
मिटा देंगे इसको रखते ये दम हैं

अभी तो चले हैं यूं पाने को मंजिल
निकालेंगे फिर तेरी जुल्फों के खम हैं

लड़ाई हकों की है सदियों से जारी
लड़ो बढ़ के आगे न मरने का गम है

न इनको मिली है जगह भागने को
तुफां बन के निकले कभी जब भी हम हैं

उखड़ेगा तंबू वो इक दिन सभी के
कि ‘दानिश’ में देखो अभी इतना दम है

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