झारखंड में कोयला चोरी में हो रहे बड़े खेल, माननीय, संत्री और चोर भी हो रहे मालामाल

झारखंड: प्रदेश में खनिज संपदा के भंडार के बाद भी यहां के अधिकांश लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं । इसका सबसे बड़ा कारण उन खनिज संपदाओं का सही से उपयोग नहीं होना और इसमें माननीय, संत्री और चोर द्वारा मिलकर बंदरबांट करना मुख्य वजह है। झारखंड में कोयला चोरी को लेकर फिल्म भी बन चुका है। वहीं कोयला चोरी को लेकर गुटिए संघर्ष भी होते रहे हैं। अनेक लोग मारे जा चुके हैं। इसके बाद भी धड़ल्ले से कोयला की चोरी हो रही है।इसको लेकर सदन में भी आवाज उठाई गई है।

कोयला चोरी करने के लिए माफिया अनेक तरह के हथकंडे अपनाते हैं। जिसमें अनलीगल माइनिंग करना, बाइक और साइकिल पर कोयला चोरी कर ले जाना, और तो और कोयला से लदे माल वाहक ट्रेन पर लदे कोयला उतार लेना प्रमुखता से होता है। यह काम धल्ले से आज बगैर रोकटोक जारी है। कोयला चोरी में स्थानीय माफिया, ग्रामीण, पुलिस अधिकारी और नेताओं का भी खुला सहयोग रहता है। कुछ माननीयों का भी बरहस्त प्राप्त रहता है।
ऐसे में ताज़ा उदाहरण गिरीडीह के ले,सूरज की पहली किरण के साथ शुरू होता है, यहां का सबसे बड़ा उद्योग भारतीयरेल से कोयला चोरी का काम । सुबह कबरी बाट के कोयला खदान से कोयला लेकर मालगाड़ी गिरीडीह रेलवे स्टेशन आती है । पहले से ताक लगाए चोरों की टोली रेल के ऊपर चढ़ कर कोयला निकाल कर पटरी के बगल में गिरा देते हैं।उन जमा हुए कोयला पर अपना अधिकार जमाने के लिए आपसी लड़ाई होती हैं। इसको लेकर गुरुवार को हिंसक झड़प भी हो चुका है जो बड़े वारदात की ओर इशारा करता है।
इस कोयला चोरी में रेल कर्मियों की भी मिलीभगत का अंदेशा है। जानकार बताते हैं कि रेलकर्मी एक विशेष स्थान पर अपने ट्रेन की गति को धीमा कर देते हैं जिससे चोर कोयला से भरे बोगी पर आसानी से चल सके और उस पर लगा कोयला बाहर फेंक सकें बदले में रेल कर्मियों को नजराना के रूप में कितना धन मिलता है यह जांच का विषय है वही इस सारे मामले में जीआरपी भी मूकदर्शक बनी रहती है बदले में उन्हें भी उपहार मिलने की बात कही जा रही है। कोयला चोरी के इस प्रकरण सरकार को राजस्व का नुकसान तो हो ही रहा है अब यात्री भी सफर करने लगे हैं कारण है कि ट्रेन में चालकों द्वारा अपनी ट्रेन की गति सीमा कम कर चोर को मौका देने के चक्कर में दूसरे ट्रेन भी देरी से चलने लगी है। जिसके परिणाम यह है की गिरीडीह से रोज काम पर जाने वाले यात्री अपने गंतव्य स्थान पर समय पर पहुंच नहीं पाते हैं। इन यात्रियों में बहुत से लोग सरकारी और प्राइवेट जॉब करने वाले होते हैं। उन्हें लेट से पहुंचने के कारण अपने अधिकारियों से फटकार भी सुनने को मिलता है।
दूसरी ओर हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने सदन में उठाया मामल था। उन्होंने सदन को बताया कि 3 साल में झारखंड से 12 करोड़ के कोयले की चोरी हुई है जिसे रोकने में राज्य सरकार पूरी तरह विफल रही है। 2019-20 में झारखंड में 100 से अधिक एफआईआर दर्ज की गईं, जो कोयला चोरी के मामलों की गंभीरता को दर्शाता है। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा सीएमएसएमएस के रूप में कोयला चोरी को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं, दूसरी ओर झारखंड सरकार ने राज्य में कानून-व्यवस्था से जुड़े इस गंभीर मुद्दे को हल करने के लिए अपनी ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।जयंत सिन्हा ने झारखण्ड सरकार से कोयला चोरी रोकने के लिये जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की अपील की है।

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