*कहा, राज्य सरकार को कुंभकर्णी नींद से जागना चाहिए
अमृतसर, 19 अप्रैल – पंजाब एंड चंडीगढ़ कॉलेजेज प्रिंसिपल्स एसोसिएशंस और चंडीगढ़ कॉलेजेज टीचर्स यूनियन (पीसीसीटीयू) की ज्वाइंट एक्शन कमेटी (जेएसी) ने आज स्थानीय भंडारी ब्रिज पर पंजाब सरकार के सेंट्रल एडमिशन पोर्टल के खिलाफ लामबंदी की और विरोध स्वरूप कैंडल मार्च निकाला। राज्य सरकार को नींद से जगाने के लिए यह कैंडल मार्च भंडारी ब्रिज से हॉल गेट तक निकाला गया। जिसमें प्रबंधन फेडरेशन के पदाधिकारियों, प्राचार्यों व कॉलेज शिक्षकों ने राज्य सरकार के खिलाफ संघर्ष को लेकर फटकार लगाते हुए कहा कि कॉलेजों में प्रवेश के पोर्टल को मनमाना व पक्षपातपूर्ण तरीके से लागू किया जा रहा है, जिसे कदापि स्वीकार नहीं किया जाएगा।
इस मौके पर फैडरेशन के अध्यक्ष राजिंदर मोहन सिंह छीना ने कहा कि पंजाब सरकार के अड़ियल रवैये के कारण राज्य के सभी कॉलेज संघर्ष की राह पर चलने को मजबूर हैं। उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार निजी हितों और निजी विश्वविद्यालयों को लाभ पहुंचाने के लिए बिना सोचे समझे इस पोर्टल को लागू करने के लिए कटिबद्ध है। जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। इसलिए यदि राज्य भर में आगामी परीक्षाओं का बहिष्कार होता है या कॉलेज बंद होते हैं, तो इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी। इस अवसर पर पीसीसीटीयू महासचिव डॉ. गुरदास सेखों ने कहा कि वह उच्च शिक्षा विभाग, पंजाब के दुराचारी रवैये के खिलाफ हर लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार से बार-बार गुहार लगाने के बाद भी इस मसले का कोई ठोस समाधान नहीं हुआ, जिसके चलते उन्हें संघर्ष का रास्ता चुनना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वह ऑनलाइन दाखिले के खिलाफ नहीं हैं, क्योंकि सभी कॉलेज अपने स्तर पर ऑनलाइन दाखिले करा रहे हैं। वे केंद्रीकृत प्रवेश के खिलाफ हैं। क्योंकि इससे छात्रों और उनके अभिभावकों की परेशानी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने अब विश्वविद्यालयों पर अपना प्रभाव जमा लिया है और इस पोर्टल को लागू करने के लिए कॉलेजों को निशाना बनाया जा रहा है। इस अवसर पर डॉ. महल सिंह ने कहा कि कमेटी द्वारा पूर्व में सरकार से तमाम अपील करने के बावजूद सरकारी तंत्र ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जहां सीटें कम हैं और छात्र ज्यादा हैं वहां केंद्रीकृत प्रवेश लागू होता है। जबकि इसके विपरीत पंजाब में सीटों का बहुमत है और युवा विदेशों की ओर पलायन कर रहे हैं। जिससे कॉलेजों में दाखिले कम हो रहे हैं तो ऐसे पोर्टल की क्या जरूरत है।
छीना ने कहा कि अगर राज्य सरकार अपनी गहरी नींद से नहीं जागी तो कमेटी संघर्ष को तेज करते हुए अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर चली जाएगी और इससे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान और अन्य गंभीर परिणाम होंगे. राज्य सरकार पर होगा और इसके अलावा जालंधर में होने वाले चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा।
इसके अलावा जेएसी द्वारा 58 वर्ष की आयु पार कर चुके शिक्षकों को ग्रांट न मिलने, बकाया ग्रांट जारी करने के मुद्दे पर रोष प्रकट करते हुए उच्च शिक्षा विभाग को असली 95 प्रतिशत ग्रांट इन एड स्कीम जारी करने की अपील की। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. सुरिंदर कौर, प्रमुख कॉलेजों के प्रिंसिपल गुरदेव सिंह, संतोख सिंह सेठी, सरदूल सिंह मनन, अमरदीप गुप्ता, किरण, प्रमुख कालेजों जैसे कि डीएवी, बीबीके डीएवी, शहजादानंद आदि से प्रिंसिपल स्टाफ हाजिर थी।