भारतीय कुश्ती संघ के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे पहलवानों के समर्थन में गुरुवार (आज) उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के सोरम में सर्वखाप पंचायत बुलाई गई है। पिछले 22 साल में यह दूसरी बार है जब किसी मुद्दे पर समर्थन देने के लिए सर्वखाप पंचायत बुलाई जा रही है। उधर अंतरराष्ट्रीय खेल मंचों से भी भारत के पहलवानों के साथ व्यवहार पर चिंता जताई जाने लगी है।
हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश और अन्य हिस्सों में पहलवानों को लेकर समर्थन जिस तरह बढ़ रहा है उससे लगता है कि यह राजनीतिक रूप से भी अपना प्रभाव डालेगा। देखें तो भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह, जो भारतीय कुश्ती महासंघ के तत्कालीन अध्यक्ष हैं, की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों का समर्थन बढ़ता जा रहा है।
देश के बड़े नेताओं ने भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण सिंह को जल्द गिरफ्तार करने की मांग करते हुए पहलवानों को समर्थन दिया है। अब आज को खाप महापंचायत भी बुलाई गई है। साफ़ है कि पहलवानों की लड़ाई अब विभिन्न संगठनों की लड़ाई बनती जा रही है।
हरियाणा में खाप नेताओं ने पहले ही पहलवानों के आंदोलन का समर्थन किया हुआ है। अब सोरम की खाप पंचायत के फैसले का असर हरियाणा में भी हो सकता है। इससे पहले पहलवानों ने 30 मई को हरिद्वार पहुंचकर गंगा में अपने मेडल विसर्जित करने की चेतावनी दी थी, हालांकि किसान नेताओं के मनाने पर पहलवान मान गए थे और सरकार को उनकी मांगे मानने के लिए पांच और दिनों का समय दिया था।
आज उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली से विभिन्न खापों के प्रतिनिधि खाप महापंचायत में हिस्सा लेंगे। किसान नेता नरेश टिकैत ने चेतावनी दी है कि यदि यहां से कुछ भी माहौल खराब होता है तो सरकार और बृजभूषण की जिम्मेदारी होगी। उन्होंने कहा कि बृजभूषण सिंह भी वहां आएं और अपनी बात रखें।
उधर पहलवानों के समर्थन में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले कल हाजरा मोड़ से रवींद्र सदन तक रैली निकाली। बनर्जी ने अपने हाथ में एक तख्ती ले रखी थी जिस पर लिखा था – ‘हम न्याय चाहते हैं।’ उन्होंने कहा कि हमारी एक टीम पहलवानों से मुलाकात करने जाएगी और उन्हें समर्थन देगी।
इस बीच पहलवानों के प्रदर्शन पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि निश्चित रूप से उसका समाधान निकलेगा। मामले की जांच चल रही है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पहलवान ऐसा कोई भी कदम न उठाएं जिससे खेल की महत्ता कम हो। कहा कि पहलवानों के आरोपों की जांच पूरी होने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
उधर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने दिल्ली पुलिस की ओर से पहलवानों के साथ किए गए व्यवहार की निंदा की है। समिति ने कहा कि भारतीय पहलवानों के साथ व्यवहार बहुत परेशान करने वाला था। आईओसी ने जोर देकर कहा – ‘पहलवानों की ओर से लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच की जानी चााहिए। हम आग्रह करते हैं कि इस कानूनी प्रक्रिया के दौरान इन एथलीटों की सुरक्षा पर उचित रूप से विचार किया जाए और ये जांच तेजी से पूरी की जाए।’