भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई परिवर्तन नहीं किया है और इसे स्थिर रखा है। यह 6.50 फीसदी पर बरकरार रहेगा।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मीडिया कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एमपीसी के सभी सदस्यों ने रेपो रेट न बदलने के पक्ष में अपना मत दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि अप्रैल-जून में महंगाई दर 4 फीसदी के ऊपर ही रहेगी।
उन्होंने कहा कि हालांकि, पुराने अनुमान को बदलते हुए इसे 5.1 फीसदी से घटाकर 4.6 फीसदी कर दिया गया है। इसी तरह जुलाई-सितंबर 2023 के लिए महंगाई दर का लक्ष्य 6.5 फीसदी से घटाकर 6.2 फीसदी कर दिया गया है। अक्टूबर-दिसंबर के लिए 6.0 फीसदी और जनवरी-मार्च 2024 के लिए यह महंगाई का अनुमान 5.9 से घटाकर 5.7 फीसदी कर दिया गया है।
घर-वाहन का कर्ज लेने वालों लोगों के लिए यह राहत की खबर है। अधिकांश बैंकों की ब्याज दर रेपो रेट से लिंक होती है। अगर रेपो रेट में इजाफा होता है तो उसी के अनुरूप ब्याज दर भी बढ़ जाती है।
यह दूसरी बार है जब रेपो रेट नहीं बढ़ी है। इसका मतलब है कि बैंक ब्याज दर में कोई वृद्धि नहीं करेंगे। हालांकि, मौजूदा ब्याज दर में किसी गिरावट की उम्मीद भी नहीं की जा सकती है। बैंक फिलहाल के लिए यथास्थिति बनाए रख सकते हैं।
आरबीआई ने कहा कि इंडियन बैंकिंग सिस्टम मजबूत दिख रहा है। क्रेडिट ग्रोथ अच्छी है। इकोनॉमी के दूसरे इंडिकेटर भी अच्छी स्थिति में है और ग्रोथ कर रहे हैं। इकोनॉमी के आंकड़ों से मिल रहे अच्छे संकेतों को देखते हुए एमपीसी के छह में से 5 सदस्यों ने रेपो रेट को स्थिर बनाए रखने के पक्ष में अपना मत रखा। आरबीआई ने कहा कि हमने महंगाई में कमी आते देखी है। ये आंकड़े ब्याज दरों को स्थिर रखने में मदद कर रहे हैं।