सर्बानंद सोणोवाल-केन्द्रीय आयुष और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री
इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का विषय ‘वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग’ है, और यह विषय समग्र रूप से स्वस्थ, आनंदमय, शांतिपूर्ण और गतिशील दुनिया बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) से जुड़े सभी लोगों के निरंतर, निर्भीक और स्थायी प्रयासों को रेखांकित करता है। योग सकारात्मक ऊर्जा लाता है, और ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ दुनिया को एक बड़े परिवार के रूप में देखना और उसी तरह से जीना है। योग के रूप में भारत की यह पारंपरिक प्रथा ‘सर्वे भवन्तु’ सुखिन, सर्वे सन्तु निरामय” (सभी सुखी हों और सभी रोगमुक्त हों’) की प्राचीन प्रार्थना को साकार करने के लिए एक शक्तिशाली प्रेरणा शक्ति बन जाती है।
सबसे पहले यह रेखांकित करना चाहता हूं कि आयुष मंत्रालय ने पिछले 9 वर्षों में जबरदस्त प्रगति की है। यह हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की दूरदर्शिता और भारत की परंपराओं की उनकी गहरी समझ है जिसने आयुष को बहुत तेजी से आगे बढ़ाया है। जन-साधारण की सेवा के प्रति उनकी अडिग प्रतिबद्धता और भारत को हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते देखने की इच्छा के परिणामस्वरूप हर साल दुनिया भर में आईडीवाई नये जोश से मनाया जाता है। हर वर्ष भाग लेने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हमारे माननीय प्रधानमंत्री ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के समक्ष हर वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव देते हुए वैश्विक कल्याण और समग्र स्वास्थ्य का “मंत्र” दिया था। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने तब सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और अब दुनिया इस मंत्र को पूरे मन से अपना रही है।
‘वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग’ एक दिन का विषय नहीं है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर अच्छी तरह से विचार किया गया है, चर्चा की गई है, कई लोगों द्वारा इसके अहम पहलुओं को उभारा गया है। इसके पीछे हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की कल्पना रही है। जी-20 राष्ट्रों और एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) के सदस्य देशों के प्रतिनिधि और एससीओ के भागीदार देश भी योग को बेहद सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विभिन्न देशों के प्रतिनिधिमंडल भारत में योगाभ्यास करेंगे।
हम देख रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस वैश्विक स्तर पर योग की बढ़ती स्वीकार्यता का स्पष्ट प्रतीक है। समन्वित सरकारी प्रयास के लिहाज से भारत सरकार का प्रत्येक मंत्रालय और सभी हितधारक तालमेल से काम कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग कार्यक्रम आयोजित करने के लिए भारतीय दूतावासों, विदेशों में भारतीय मिशनों और दुनिया भर में वाणिज्य दूतावासों को प्रोत्साहित करता है। यह वैश्विक समुदाय के बीच योग को बढ़ावा देता है और भारत की सांस्कृतिक कूटनीति को मजबूत करता है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2023 की विषय वस्तु की व्याप्ति का मतलब है कि इसका संदेश दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचे। इसके लिए स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतराराष्ट्रीय, तीनों स्तरों पर काम करना होता है। पिछले साल हमने इस उद्देश्य के लिए “गार्जियन रिंग ऑफ योग” किया था। इस साल हम “ओशन रिंग” के रूप में, और प्राइम मेरिडियन लाइन पर या उसके पास पड़ने वाले “आर्कटिक से अंटार्कटिका तक के क्षेत्र में आने वाले देशों तक योग प्रदर्शन कर रहे हैं। 21 जून को ये दो विचार न केवल वैश्विक समुदायों की भागीदारी बढ़ाएंगे, बल्कि यह भी प्रदर्शित करेंगे कि योग जीवन को बनाए रखने वाली शक्ति है, चाहे स्थिति या स्थान कोई भी हो। योग उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र, हिमाद्रि- स्वालबार्ड (आर्कटिक में) भारतीय अनुसंधान केन्द्र; और भारती- अंटार्कटिका में तीसरे भारतीय अनुसंधान केन्द्र में भी होगा।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2023 समारोह में हर तबके, वर्ग, समूहों को शामिल करने के लिए हमारे देश में भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। योग भारतमाला बनाई जाएगी, जिसमें भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, नौसेना, तटरक्षक बल और सीमा सड़क संगठन की भागीदारी देखने को मिलेगी। इसी तरह योग सागरमाला में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय से जुड़े बंदरगाहों पर योग प्रदर्शन होगा। ग्रामीण विकास मंत्रालय के अमृत सरोवर भी इस वर्ष के समारोह का हिस्सा होंगे। शिक्षा मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय के साथ-साथ भारत सरकार के अन्य प्रमुख मंत्रालय भी इस उत्सव का हिस्सा हैं। यह पूरे सरकार के दृष्टिकोण को भी दर्शाता है। यह विचार स्पष्ट रूप से यह दिखाता है कि आईडीवाई हर किसी के लिए उत्सव है और हम में से प्रत्येक को अपनी भूमिका निभानी है।
ग्रामीण स्तर पर सामान्य योग प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा और इसके लिए सामान्य सेवा केन्द्रों को भी जोड़ा गया है। राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत आयुष स्वास्थ्य और सम्पूर्ण स्वास्थ्य केन्द्र भी सामान्य योग प्रोटोकॉल का पालन करेंगे। यह भारत के सभी हेल्थ एंड वेलनैस सेंटरों पर होगा। सीवाईपी का अभ्यास सभी आयुष सुविधाओं जैसे शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों आदि में किया जाएगा। प्रत्येक राज्य का एक आयुष ग्राम भी सीवाईपी अभ्यास में भाग लेगा और इसके लिए चिन्हित गाँव में योग प्रशिक्षक नियुक्त किए जा रहे हैं ताकि “सम्पूर्ण योग ग्राम” का दर्जा प्राप्त किया जा सके। इसका अंतिम उद्देश्य ग्रामीण और सुदूरवर्ती इलाकों में “हर आंगन योग” के लक्ष्य को हासिल करना है। इसके लिए भारत में 2 लाख से अधिक गांवों में लोगों को कॉमन योग प्रोटोकॉल (सीवाईपी) में प्रशिक्षित करने का प्रावधान किया गया है।
इस वर्ष, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर हमारे माननीय प्रधानमंत्री न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में योग प्रदर्शन की अगुवाई करेंगे। मुझे यकीन है कि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग को बड़ा समर्थन मिलेगा। साथ ही, इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य कार्यक्रम 21 जून को मध्य प्रदेश के जबलपुर में होगा। भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ गैरीसन मैदान, जबलपुर में सामूहिक योग प्रदर्शन की अगुवाई करेंगे। मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेन्द्रभाई, और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इसमें शामिल होंगे।
जैसे-जैसे हम अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2023 उत्सव की ओर आगे बढ़ रहे हैं, हर मिनट, हर क्षण और योग से जुड़ा हर स्थान उच्च स्तर का महत्व प्राप्त कर रहा है। आईडीवाई 2023 को शानदार तरीके से सफल बनाने के लिए हममें से प्रत्येक को एक भूमिका निभानी है। कुछ समय निकालें और खुद को योग की रोग निवारक और उपचारात्मक शक्ति में तल्लीन कर लें, जैसा कि मैं स्वयं प्रतिदिन करता हूं। मेरा यकीन मानिए, इस वर्ष का आईडीवाई विशेष है क्योंकि ‘योग’ में “वसुधैव कुटुम्बकम” की शक्ति निहित है।