शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की आज शिखर बैठक है। मेजबान अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साढ़े 12 बजे वैश्विक नेताओं का इस वर्चुअल बैठक में स्वागत करेंगे। बैठक में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भी हिस्सा लेने की उम्मीद है। रूस में वागनर ग्रुप के विफल विद्रोह के बाद पुतिन की यह पहली अंतर्राष्ट्रीय बैठक होगी।
बैठक की शुरुआत पीएम मोदी के संबोधन से होगी। बैठक 3 बजे तक चलेगी। एससीओ में फिलहाल भारत समेत आठ देश शामिल हैं। एससीओ के गठन की घोषणा साल 2001 में शंघाई में छह देशों रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान की सरकारों ने की थी। बाद में इसमें भारत और पाकिस्तान को भी जोड़ दिया गया था।
ख़बरों के मुताबिक नई दिल्ली ने मंगोलिया को भी एक पर्यवेक्षक के रूप में और तुर्कमेनिस्तान को अध्यक्ष के अतिथि के रूप में यूरेशियाई आर्थिक और सुरक्षा समूह में आमंत्रित किया है। इससे पहले इसी साल मई में एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों की गोवा में बैठक हुई थी, जिसमें दूसरे सदस्य देशों के साथ पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी हिस्सा लिया था।
एससीओ महासचिव झांग मिंग, जो बीजिंग में सचिवालय के प्रमुख हैं, और क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (आरएटीएस) कार्यकारी समिति के निदेशक रुस्लान मिर्ज़ेव भी राज्य प्रमुखों की बैठक में भाग लेंगे। नई दिल्ली ने संयुक्त राष्ट्र, दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान), स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल (सीआईएस), सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ), यूरेशियन आर्थिक संघ (ईएईयू) और बातचीत और विश्वास निर्माण उपायों पर सम्मेलन के प्रमुखों को भी आमंत्रित किया है।