छह लाख का इनामी नक्सली खुदी मुंडा उर्फ बुढ़ा ने किया सरेंडर

छह लाख का इनामी माओवादी नक्सली खुदी मुंडा उर्फ खुदी जी उर्फ बहादुर जी उर्फ बुढ़ा ने आत्मसमर्पण कर दिया है। आत्मसमर्पण करने वाला नक्सली खुदी मुंडा भाकपा माओवादी संगठन का सक्रिय सदस्य था तथा सब जोनल कमांडर के रूप में क्रियाशील था। उसपर झारखंड पुलिस ने पांच लाख और एनआईए ने एक लाख रुपये का इनाम रखा था। गिरफ्तार नक्सली पर विभिन्न थानों में 44 से अधिक मामले दर्ज हैं।
नक्सली खुदी मुंडा गुमला, लोहरदगा, लातेहार, बूढ़ा पहाड़ और सिमडेगा आदि क्षेत्रों में लगातार सक्रिय रहा है। खुदी मुंडा 1996 में अपने नक्सली चचेरे भाई बॉबी मुंडा के लिए सामान पहुंचाने तथा पुलिस के आवागमन की सूचना देने का काम करता था। साल 1999 में अपने भाई बॉबी मुंडा के साथ लापुंग क्षेत्र में हथियारों की लूटपाट के नक्सली घटनाओं अंजाम देने में शामिल रहा। साल 2001 में इसकी गिरफ्तारी हुई। इसके बाद जेल चला गया। जेल में रहने के दौरान उग्रवादी संगठन के कई सदस्यों से जान पहचान हुई। साल 2005 में जेल से बाहर आने के बाद और गांव में निजी विवाद के कारण भाकपा माओवादी के कमांडर मनोज नगेसिया तथा सिल्वेस्टर लकड़ा के संपर्क में आया और पालकोट, कोलेबिरा, सिमडेगा, गुमला आदि क्षेत्रों में दस्ता के साथ रहने लगा।
2008 में एरिया कमांडर बनाया गया
साल 2008 में इसे पालकोट, कोलेबिरा, सिमडेगा और गुमला क्षेत्र का एरिया कमांडर बना दिया गया। साल 2009 में रिजनल कमांडर सिल्वेस्टर लकड़ा ने इसे पालकोट-सिमडेगा क्षेत्र का सबजोनल कमांडर बनाया। इस इलाके में 2009 से 2016 तक सक्रिय रहा। 2016 से 2019 तक बूढ़ा पहाड़ एवं अन्य क्षेत्रों में रहकर आईइडी और अन्य प्रकार के बम बनाने का प्रशिक्षण लिया। साल 2019 में पालकोट क्षेत्र में संगठन कमजोर हो जाने के कारण पालकोट सिमडेगा क्षेत्र का सब जोनजल कमांडर बनाया गया था। आत्म समर्पण करने तक वह सब जोनल कमांडर रहा है।

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