पंजाब के मुख्यमंत्री ने सारागढ़ी जंग की स्मारक का नींव पत्थर रखा

  • निर्माण कार्य छह महीनों में मुकम्मल करने का ऐलान, 21 सिख सैनिकों की शौर्यगाथा दिखाने के उद्देश्य वाले गौरवमयी प्रोजैक्ट के लिए फंडों की कोई कमी नहीं आयेगी  

फिऱोज़पुर, 12 सितम्बर :  पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज फिऱोज़पुर में सारागढ़ी कीऐतिहासिक जंग के दौरान शहादत प्राप्त करने वाले 21 सिख शूरवीरों की याद मेंबनने वाली स्मारक का निर्माण कार्य छह महीनों में मुकम्मल करने का ऐलानकिया।  
आज यहाँ सारागढ़ी जंग की स्मारक का नींव पत्थर रखने के बादसंबोधन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्मारक के निर्माण के लिए फंडोंकी कोई कमी नहीं आने दी जायेगी। उन्होंने कहा कि इस स्मारक का काम हर हालमें छह महीनों में पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि सारागढ़ी जंग केदौरान सैनिकों की शौर्यगाथा और बलिदान हमारी आने वाली पीढिय़ों को देश कीनिस्वार्थ सेवा के लिए प्रेरित करती रहेगी। देश की प्रभुसत्ता की रक्षा केदौरान दुश्मन के साथ टक्कर लेते हुए शहादत प्राप्त करने वाले 21 बहादुरसैनिकों के बेमिसाल बलिदान को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटनाशूरवीरता की बेमिसाल गाथा है, जिसका इतिहास में कोई भी सानी नहीं है।  
  मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इन शहीदों के महान बलिदान के आगे सजदा करते हैं, जिन्होंने दुश्मन के आगे घुटने टेकने की बजाय मरने को प्राथमिकता दी।भगवंत सिंह मान ने कहा कि 36 सिख के सैनिकों की बेमिसाल गाथा समाना रिज्ज (अब पाकिस्तान) में घटी है, जिन्होंने 12 सितम्बर, 1897 को 10,000 अफगानियों के हमले के खि़लाफ़ लड़ाई लड़ते हुए बलिदान दे दिया था। उन्होंनेकहा कि सारागढ़ी की जंग भारतीय फ़ौज के इतिहास में मिसाल बनी रहेगी और यहभी याद करवाती रहेगी कि जब भी पंजाबियों को पीछे धकेलने की कोशिश हुई तो उससमय पर वह अपने सामथ्र्य से अधिक ताकतवार होकर खड़े हो सकते हैं।  
 जंग के दौरान दिखाए गए साहस के प्रचार की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुएमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार फ़ौज के इतिहास में आखिरी साँस तक मरमिटने की महान विरासत को नौजवानों में प्रेरणा के प्रतीक के तौर पर उभारनेके लिए वचनबद्ध है। भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सारागढ़ीजंग की शौर्यगाथा सिख सैनिकों के जज़्बे और दृढ़ निश्चय की मिसाल पेश करतीहै, जिन्होंने दुश्मन का सामना करते हुए शहादत प्राप्त की। उन्होंने कहा किमुल्क इन बहादुर सैनिकों के बेमिसाल बलिदान का सदा ऋणी रहेगा।  
 मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जंग की स्मारक के काम की निजी तौर पर निगरानीकरेंगे, जिससे इसको छह महीनों में मुकम्मल किये जाने को सुनिश्चित बनाया जासके। उन्होंने कहा कि इस नेक कार्य में किसी भी तरह की अनावश्यक देरीअनुचित होगी। उन्होंने कहा कि इस स्मारक के निर्माण के अवसर पर मापदण्डोंके पैमानों की पूरी पालना की जायेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि निर्माण केदौरान किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को सहन नहीं किया जायेगा और ऐसी हरकत कीकोशिश करने वालों के खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही की जायेगी।  
 मुख्यमंत्रीने पंजाब के इतिहास में बेहद महत्व रखते इस स्थान को अनदेखा करने के लिएपिछली सरकारों की सख़्त निंदा की। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने यहस्मारक बनाने का ऐलान किया था और साल 2019 में एक करोड़ रुपए जारी किये थे।भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह कितने दुख की बात है कि इस स्मारक का काम कभीभी शुरू नहीं हुआ, क्योंकि इसके लिए 25 लाख रुपए की और ज़रुरत थी जो जारीनहीं किये गए। उन्होंने कहा कि इससे शहीदों के प्रति पिछली सरकार केव्यवहार का पता लगता है।  
मुख्यमंत्री ने फिऱोज़पुर जिले को राज्यमें पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित करने के लिए ठोस प्रयास करने का भीऐलान किया। उन्होंने कहा कि सारागढ़ी स्मारक और हुसैनीवाला, जहाँ शहीद भगतसिंह, शहीद सुखदेव और शहीद राजगुरू ने शहीदी प्राप्त की थी, इस जिले मेंआते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हुसैनीवाला सरहद के साथ लगते ऐतिहासिकमहत्ता वाली इन स्थानों को दुनिया भर के सैलानियों को दिखाया जायेगा।  
 मुख्यमंत्रीने कहा कि पंजाब के शहीदों की कोई गिनती नहीं की जा सकती, क्योंकि पंजाबके हरेक गाँव की धरती का सम्बन्ध इन शूरवीरों के साथ है। उन्होंने कहा किइस पवित्र धरती पर महान गुरूओं, संतों, पीरों- पैगंबरों, कवियों और शहीदोंका जन्म हुआ। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाबियों को अपनी सख़्त मेहनत औरमेहनती भावना के लिए जाना जाता है, जिसके स्वरूप उन्होंने दुनिया भर मेंअपनी विशेष जगह बनाई है।  
 मुख्यमंत्री ने यह भी याद किया कि लोक सभामैंबर के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान उनकी ओर से समकालीन लोक सभा स्पीकरसुमित्रा महाजन के समक्ष मुद्दा उठाए जाने के बाद सदन ने श्री गुरुगोबिन्द सिंह जी के छोटे साहिबज़ादों के शहीदी दिवस के मौके पर उनकोश्रद्धांजलि भेंट की थी।  
उन्होंने कहा कि छोटे साहिबज़ादों केबेमिसाल और महान बलिदान मानवता को ज़ुल्म, अत्याचार और बेइन्साफ़ी केविरुद्ध लडऩे के लिए सदा प्रेरित करती रहेगी। उन्होंने कहा कि छोटेसाहिबज़ादों ने सरहिन्द के मुग़ल सूबेदार के ज़ुल्म और अत्याचार के विरुद्धडटकर अथाह साहस और निडरता दिखाई। भगवंत सिंह मान ने कहा कि साहिबज़ादों कोशूरवीरता और निस्वार्थ सेवा के गुण दसमेश पिता, जिन्होंने मानवता केकल्याण के लिए अथक लड़ाई लड़ी, से विरासत में मिले थे।  
 मुख्यमंत्रीने कहा कि सिखों के दसमेश पिता श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी के साहिबज़ादे औरमाता गुजरी जी दिसंबर महीने में शहीद हुए थे, जिस कारण समूची कौम के लिएयह महीना शोक का महीना होता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्होंने पहले हीअधिकारियों को हिदायत की हुई है कि भविष्य में इस महीने के दौरान सरकारीस्तर पर कोई भी खुशी का समागम न मनाया जाये। उन्होंने कहा कि यह प्रयासराज्य सरकार और लोगों द्वारा साहिबज़ादों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।  

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