नई दिल्ली : आज गणेश चतुर्थी है और नई संसद का पहला दिन है। इससे पहले सांसदों ने पुराने संसद भवन में फोटोशूट कराया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान की प्रति लेकर नए भवन में प्रवेश किया। महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने वाला नारी शक्ति वंदन विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया गया है।
प्रधानमँत्री ने महिला आरक्षण बिल पर कहा कि सरकार ने इसे मंजूरी दी है। इस पवित्र काम के लिए भगवान ने मुझे चुना, आज संविधान संशोधन विधेयक पेश हो रहा है। महिला आरक्षण बिल का नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी का साक्षी सेंगोल इतिहास को जोड़ता है। सेंगोल आजादी की किरण का साक्षी बना, जो पंडित नेहरू के हाथों में शोभा दे रहा था, आज हमारे सामने है। नई संसद आधुनिकत भारत की भव्यता की प्रतीक है। पुरानी बातों को भूलना होगा। भवन बदला है, भाव भी बदलें। संसद दलहित के लिए नहीं देशहित के लिए है।
पीएम मोदी ने कहा किकल ही कैबिनेट में महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दी गई है। आज 19 सितंबर की यह तारीख इसीलिए इतिहास में अमृत्व को प्राप्त करने जा रही है। आज महिलाएं हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं, नेतृत्व कर रही हैं तो बहुत आवश्यक है कि नीति निर्धारण में हमारी माताएं-बहनें, हमारी नारी शक्ति अधिकतम योगदान दें। योगदान ही नहीं, महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाएं। आज इस ऐतिहासिक मौके पर नए संसद भवन में सदन की पहली कार्यवाही के अवसर पर देश के इस नए बदलाव का आह्वान किया है। देश की नारी शक्ति के लिए सभी सांसद मिलकर नए प्रवेश द्वार खोल दें इसका आरंभ हम इस महत्वपूर्ण निर्णय से करने जा रहे हैं। महिलाओं के नेतृत्व में विकास के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए हमारी सरकार एक प्रमुख संविधान संशोधन विधेयक पेश कर रही है। इस उद्देश्य लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी को विस्तार देना है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम इस माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा।