झारखंड : सरायकेला खरसावां जिला के नीमडीह प्रखंड में एक हाथी कुएं में गिरा और 40 घंटे बाद उसकी मौत हो गई। ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए आपत्ति जताई है। हाथी की मौत के पीछे सच्चाई का पता करने के लिए पोस्टमार्टम का आयोजन किया जाएगा।
हाथी को कुएं से निकालने के लिए वन विभाग के कर्मचारी रस्सी से बांधकर निकालने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन इसकी मौत हो गई जब वह उठाया जा रहा था। ग्रामीण समुदाय इसे वन विभाग की लापरवाही का कारण बता रहा है और कह रहा है कि हाथी को कुएं में गिरने के बाद उसे कुछ भी खाने के लिए नहीं दिया गया था।
वन विभाग ने बताया है कि हाथी को पोस्टमार्टम करने के लिए सैंपल भेजा जाएगा ताकि मौत के सही कारण का पता लग सके। वन विभाग के अनुसार, हाथी कुएं में गिरने के कारण कमर और पीछे के पैरों में गंभीर चोटें आई थीं।
ग्राम प्रधान मदन माझी ने इसे वन विभाग की लापरवाही बताते हुए कहा, “जंगली हाथी मामले में वन विभाग उदासीन रवैया अपनी रही है।” उन्होंने बताया कि हाथियों के झुंड ने कई गांवों में उत्पात मचाया है, जिससे फसलों में नुकसान हुआ है और लोगों को खतरा महसूस हो रहा है।
इस घटना के बाद, जंगली हाथियों से घबराए लोग अब विस्थापन के बाद भी जंगली हाथियों के साथ रह रहे हैं। ग्रामीण समुदाय के नेता ने वन विभाग से सख्ती से कार्रवाई करने की मांग की है और हाथी मामले में ठोस पहल करने की आवश्यकता बताई है।