यमुनानगर : पूर्व विधायक दिलबाग सिंह के आवास पर लगभग 100 घंटे से चल रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रेड सोमवार को खत्म हो गई। ईडी की टीम ने दिलबाग सिंह को सेक्शन 19 पीएमएलए एक्ट के तहत गिरफ्तार किया है। उनकी दो गाड़ियों स्कार्पियों, लैंड क्रूजर, इलेक्ट्रोनिक डिवाइस व परिवार के सदस्यों के मोबाइल व बैंक खाते संबंधी डिटेल भी टीम साथ लेकर गई है। इस रेड के खत्म होने के बाद उनके भाई राजेंद्र सिंह उर्फ राज्जा ने अपने कार्यालय पर पत्रकार वार्ता की। जिसमें उन्होंने ईडी की ओर से दिए गए दस्तावेज दिखाए। इन दस्तावेजों के अनुसार दिलबाग सिंह के घर से ईडी को नकदी व सोना नहीं मिला है। उनका दावा है कि यह पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है। जबकि ईडी की ओर से रेड के दूसरे दिन ही दिलबाग सिंह व उनके करीबियों संजीव गुप्ता, गुरबाज संधू व इंद्रराज बब्बल के परिसरों से पांच करोड़ रुपये की नकदी, सोना, विदेशी हथियार व 138 शराब की बाेतलें मिलने का बयान जारी किया गया था।
चार जनवरी को पूर्व विधायक दिलबाग सिंह, उनके करीबी माडल टाउन निवासी संजीव गुप्ता बिहटा, इंद्रपाल उर्फ बब्बल व कांग्रेस नेता गुरबाज सिंह संधू के परिसरों पर ईडी ने रेड की थी। दिलबाग सिंह के अकाउंटेंट व मौसेरे भाई के आवास पर भी टीम ने रेड की थी। रेड के दूसरे दिन ईडी की ओर से जारी बयान में पूर्व विधायक व उनके करीबियों के घर से पांच करोड़ रुपये की नकदी, तीन किलो सोना, कलेसर स्थित फार्म हाउस से पांच विदेशी राइफल, 294 गोलियां व 138 शराब की बोतलें मिलने की जानकारी दी गई थी। इस मामले में प्रतापनगर थाना में दिलबाग सिंह के विरूद्ध दो अलग-अलग केस भी दर्ज किए गए। इसके बाद अन्य जगहों पर रेड खत्म हो गई लेकिन दिलबाग सिंह के आवास पर ईडी की टीमें जमी रही। प्रतापनगर थाना में दर्ज आर्म्स एक्ट के केस में अब पुलिस डीसी कार्यालय से रिकार्ड ले रही है।
दिलबाग सिंह के आवास से सामान किया गया सीज :
मकान व जमीन की रजिस्ट्री से संबंधित दस्तावेज, नकदी व जेवरात कोई नहीं मिला। विदेशी करंसी कुछ नहीं मिली। इलेक्ट्रोनिक डिवाइस में दिलबाग का आइफोन 12, उनकी पत्नी का आइफोन 14, उनके भाई का आइफोन 13, भाभी का आइफोन 15 ईडी ने कब्जे में लिया है। दिल्ली रायल्टी कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड टोयोटा लैंड क्रूजर, दिलबाग सिंह के रिश्तेदार के नाम पर रजिस्टर्ड स्कार्पियो को कब्जे में लिया है। इसके अलावा उन सामान की भी लिस्ट दी गई है जो रिकवर किए गए हैं लेकिन उन्हें सीज नहीं किया गया। इनमें दिलबाग सिंह व उनके परिवार के सदस्यों के चेक बुक व बैंक खाता की डिटेल हैं।
बरामद हथियारों के लाइसेंस, डीसी कार्यालय में रिकार्ड : राजेंद्र सिंह
राजेंद्र सिंह ने ईडी की ओर से जारी नकदी, शराब व हथियार मिलने के बयान पर कहा कि मेरे करीबी यहां पर 200 से 300 लोग हैं। यदि इनसे कोई रिकवरी होती है या कोई गलत काम कर देते हैं तो मेरी इसमें उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। जहां से शराब पकड़ी है। वह परिसर भी दिलबाग सिंह के नाम पर नहीं है। ईडी कह रही है कि उनका कोई स्टोन क्रशर है। उसमें गलत परचेज ली गई है। जिस वजह से यह रेड की गई लेकिन इसमें दिलबाग सिंह का कोई कसूर नहीं है, क्योंकि उनके नाम पर कुछ नहीं है। वह केवल राजनीति करते हैं। यह तो पूरी तरह से प्रजातंत्र की हत्या है। जो एफआइआर की गई है। वह लाइसेंस दिलबाग सिंह के नाम पर है। खुद डीसी कार्यालय में इसका रिकार्ड है। उनकी जानकारी में है। जहां से शराब मिली है वह दिलबाग सिंह का परिसर नहीं है। जिसकी होगी, वह अपना दावा कर देगा। अब केस किस बात का दर्ज किया गया है। यह नहीं पता। ईडी मनी लाड्रिंग की बात कह रही है। मनी लाड्रिंग तो तब होगी। जब दिलबाग सिंह के खाते में पैसे आए होंगे। उनका न तो कोई माइनिंग का काम नहीं है। माइनिंग का ठेका ठेकेदार लेते हैं। यह पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है। अब लीगली इस मामले में अगला कदम उठाया जाएगा।