नई दिल्ली : “कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में भाग नहीं लेने का ऐलान करते हुए बताया है कि वे इस धार्मिक समारोह में शामिल नहीं होंगे। उनके अनुसार, इस इवेंट को बीजेपी और आरएसएस का एक राजनीतिक कार्यक्रम माना जा रहा है और इसे राजनीतिक फायदे के लिए आयोजित किया जा रहा है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस निर्णय की बात करते हुए कहा, “पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण मिला। धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता आया है, लेकिन बीजेपी और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है।”
इसके साथ ही, उन्होंने जोड़ते हुए कहा, “स्पष्ट है कि एक अर्द्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए ही किया जा रहा है. 2019 के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को स्वीकार करते हुए एवं लोगों की आस्था के सम्मान में श्री मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी अधीर रंजन चौधरी बीजेपी और आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं।”
यह स्पष्ट है कि 22 जनवरी को होने वाले समारोह में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताएं शामिल नहीं होंगे, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ 6 हजार से ज्यादा लोगों के लिए भेजे गए निमंत्रण को ठुकरा दिया गया है।