*फर्जी बिलों पर रांची ट्रेजरी से 23 करोड़ रु. निकालकर आपस में बांट लिए
झारखंड : चारा घोटाले की तरह झारखंड में अब पाइपलाइन घोटाला सामने आया है। पेयजल स्वच्छता शीर्ष कार्य प्रमंडल (पीएचईडी) विभाग में यह घोटाला हुआ है। विभाग के एक कर्मचारी ने दो निजी कंपनियां बनाईं, सगे-संबंधियों के 15 से अधिक खाते खोले और रांची ट्रेजरी से 21 करोड़ रुपए निकालकर इन खातों में डाल लिए।
यह राशि विभाग के बजट की थी। यह काम 2019 से 2023 तक चलता रहा। पैसे निकालने के लिए फर्जी चालान और विपत्र बनाए जाते थे। ये इतने असली जैसे होते थे कि लगातार पैसों की निकासी के बावजूद विभाग और ट्रेजरी को इसकी भनक नहीं लगी। जून 2023 में रांची में नए कार्यपालक अभियंता आए तो इस फर्जीवाड़े का पता चला।
दरअसल पेयजल विभाग ने वर्ष 2012 में एलएंडटी कंपनी को रांची में पाइपलाइन बिछाने का काम दिया था। यह करीब 200 करोड़ रुपए का था। कंपनी ने काम बीच में ही बंद कर दिया। इसके बाद विभाग के कुछ लोगों ने साजिश रची। किए हुए काम के बदले दोबारा फर्जी बिल बनाए। उस पर संबंधित लोगों के फर्जी हस्ताक्षर किए। ट्रेजरी में नया कोड खुलवाया।
एलएंडटी को जो भुगतान हो गए था, उसका दोबारा भुगतान करा लिया। पहली बार वर्ष 2019 में 1.32 करोड़, वर्ष 2022 में 6 करोड़ और जून 2023 में 14 करोड़ रुपए ट्रेजरी से निकाले गए। ये पैसे एसबीआई, एक्सिस बैंक, आइसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और बैंक ऑफ इंडिया में 15 से अधिक खातों में जमा किए गए। यह खेल लगातार चल रहा था। तभी पिछले साल जून में चंद्रशेखर वहां कार्यपालक अभियंता पद पर आए। इस अधिकारी के हस्ताक्षर से भी 60 करोड़ का चेक ट्रेजरी में जमा कर दिया गया था। 14 करोड़ की निकासी भी हो गई थी। जांच के लिए मामला विभाग में आया तो इसका खुलासा हुआ। फिर एफआईआर दर्ज कराई गई।
इस मामले में विभाग ने एक जांच कमेटी बनाई है। जांच चल रही है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। जांच के बाद ही पूरी जानकारी सामने आएगी।