झारखण्ड: बोकारो की अदालत ने सोमवार को नाबालिग भतीजी के अपहरण व दुष्कर्म के दोषी चाचा को 20 साल की सजा सुनायी और 15 हजार का जुर्माना लगाया।ये मामला 2022 का है।हरला थाने में इस बाबत पोक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। पुलिस ने घटना के बाद दबिश डालकर आरोपी चाचा को गिरफ्तार कर लिया था।
15 वर्षीया नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म के दोषी चाचा को राजीव रंजन की अदालत ((पोक्सो स्पेशल कोर्ट) ने सोमवार को अलग-अलग धाराओं में सात वर्ष व 20 वर्ष की सजा सुनायी है। इसके साथ ही अपहरण व दुष्कर्म के मामले में कुल 15 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर मुजरिम को नौ माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। मुजरिम को अलग-अलग धाराओं में सजा सुनायी गयी है। दोनों सजा साथ-साथ चलेगी।
सरकार की ओर से कोर्ट में अभियोजन का पक्ष विशेष लोक अभियोजक वीरेंद्र कुमार ने रखा। उन्होंने बताया कि घटना हरला थाना क्षेत्र में 15 दिसंबर 2022 की रात को घटी थी।दोषी चाचा नाबालिग भतीजी को लेकर घर से गायब हो गया था। अपने स्तर से खोजबीन के बाद अपहृत नाबालिग के पिता ने हरला थाने में इसकी शिकायत की थी। शिकायत के आधार पर 23 जनवरी 2023 को हरला थाने में पोक्सो एक्ट के तहत अपहरण की प्राथमिकी दर्ज की गयी। इसके बाद पुलिस ने अनुसंधान शुरू किया।
हरला पुलिस की दबिश के कारण दोषी चाचा कुछ दिन बाद ही नाबालिग भतीजी को लेकर बोकारो आया था। पुलिस ने दोषी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। नाबालिग का कोर्ट में बयान दर्ज कराया गया। नाबालिग ने बयान में एक बंद कमरे में दुष्कर्म करने की बात बतायी थी। इस तथ्य के सामने आने पर पुलिस ने अपहरण व दुष्कर्म के बिंदु पर अनुसंधान पूरा किया। कोर्ट में चार्जशीट समर्पित करते हुए ठोस गवाह व साक्ष्य प्रस्तुत किया। इसके आधार पर कोर्ट ने आरोपी चाचा को दोषी करार देते हुए फैसला सुनाया।