छत्तीसगढ़: बीजापुर जिले में 39 लाख रुपये के 30 इनामी माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है।बीजापुर एसपी, सीआरपीएफ डीआइजी समेत आला पुलिस अधिकारियों के सामने माओवादी कानून की मुख्यधारा में शामिल हुए। पुनर्वास के तहत आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादियों को 25-25 हजार रुपये नकद दिये गये।गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य में सरकार बदलते ही सरकार नक्सलियों के खात्मे की दिशा में आगे बढ़ रही है।साथ ही नक्सलियों से बातचीत कर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने की भी पहल की जा रही है।
इन्होंने किया आत्मसमर्पण
बीजापुर जिले में 39 लाख मिलिट्री कंपनी नंबर 02 के पीपीसीएम, प्लाटून नंबर 32 के पीपीएसएम, पीएलजीए बटालियन नंबर 01 के सदस्य, प्लाटून नंबर 04 के सदस्य, जनतांर सरकार अध्यक्ष, डीएकेएएमएस अध्यक्ष सहित 30 माओवादियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव ने बताया कि सभी ने माओवादियों की विचारधारा से क्षुब्ध होकर और छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है। 09 माओवादियों पर 39.00 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है।
उन्होंने कहा कि सफलता पर नजर डालें तो जनवरी से अब तक 180 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है और 76 माओवादियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। मुन्ना हेमला उर्फ चन्द्रू के विरूद्ध 18 स्थाई वारंट एवं मुन्ना पोटाम के विरूद्ध 06 स्थाई वारंट लंबित है। माओवादियों ने कहा कि संगठन में काम की उपेक्षा, भेदभावपूर्ण व्यवहार और माओवादियों द्वारा आदिवासियों पर किये जा रहे अत्याचार से तंग आकर और छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण नीतियों से प्रभावित होकर भारत के संविधान में आस्था रखते हुए माओवादियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने पर उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत 25,000-25,000 (पच्चीस हजार रुपये) का नकद प्रोत्साहन दिया गया।