इंसानों में फैल रही ये बीमारी! भारत में सामने आया केस, जानिए कितनी है खतरनाक

नई दिल्ली : कोरोना महामारी ने दुनिया भर में दशहत पैदा कर दी है और अब कुछ महीने पहले अमेरिका में जानवरों में बर्ड फ्लू (H5N1) वायरस फैलने लगा था। हजारों गायों में इस वायरस की पुष्टि हुई थी। डेनमार्क और कनाडा में भी जानवरों में यह वायरस मिला था। 26 प्रजातियों में इसकी पुष्टि हुई थी। यह चिंताजनक था क्योंकि बर्ड फ्लू का संक्रमण आमतौर पर पक्षियों में ही देखा जाता था। लाखों जानवरों में यह वायरस मिला था और यह सिलसिला जारी है।

लेकिन अब बर्ड फ्लू एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है। इसके दो मुख्य कारण हैं:

  1. इंसानों में संक्रमण:
    कुछ दिनों पहले मैक्सिको में एक व्यक्ति की इस वायरस से मौत हो गई थी। यह बर्ड फ्लू से इंसान की पहली मौत थी। इसके बाद भारत में भी एक 4 साल के बच्चे में H5N1 वायरस मिला। घनी आबादी वाले देश में बर्ड फ्लू का इंसानी संक्रमण चिंता बढ़ाने वाला है। इंसानों में यह वायरस आसानी से नहीं होता है। भारत में केवल दो मामले सामने आए हैं। लेकिन दुनियाभर में जानवरों में बर्ड फ्लू के मामले बढ़ रहे हैं और इंसान भी संक्रमित हो रहे हैं। इससे नई महामारी का खतरा बढ़ रहा है।
  2. वायरस का म्यूटेशन:
    साल 2020 में इस वायरस के कई म्यूटेशन देखने को मिले थे। 2022 तक यह जंगली पक्षियों में देखा गया था। अमेरिका में भी इस वायरस के मामले बढ़ रहे थे। बीते एक साल में लाखों मामले सामने आए हैं। बड़ी संख्या में पक्षी और जानवर इससे संक्रमित हो रहे हैं। इंसानों में संक्रमण ने चिंता बढ़ा दी है।

इंसानों में कैसे फैलता है बर्ड फ्लू : पोल्ट्री फॉर्म में काम करने वालों में संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा होता है। वायरस से संक्रमित पक्षी के मल या मूत्र के संपर्क में आने से फैलता है। एक से दूसरे इंसान में फैलना मुश्किल है। लेकिन मृत्यु दर अधिक है और कोई निर्धारित इलाज भी नहीं है। क्या यह नई महामारी बनेगा? अभी अनुमान लगाना मुश्किल है। वायरस तेज गति से बढ़ रहा है और लंबे समय तक रह सकता है।

जानवरों में तेजी से फैल रहा है। इंसानों में संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। खासकर मुर्गी पालन करने वालों को सावधानी बरतनी होगी। क्या बर्ड फ्लू को रोका जा सकता है? जानवरों में संक्रमण रोकना मुश्किल है। इंसानों में संक्रमण को कंट्रोल किया जा सकता है। मुर्गी पालन करने वालों को संक्रमित पक्षी से दूरी बनाकर रखनी होगी। अगर कोई पक्षी या जानवर संक्रमित है तो अधिकारियों को सूचना दें। बुखार, सांस लेने में परेशानी और सिरदर्द होने पर डॉक्टर से सलाह लें।

बर्ड फ्लू का इतिहास : पहला मामला 1996 में चीन में मिला था। 1997 में पहली बार इंसान की मौत हुई थी।

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