बस्तर के जंगलों में अब तक का सबसे बड़ा नक्सल विरोधी ऑपरेशन, 5 नक्सली ढेर; 100 से अधिक IED बरामद

Published Date: 24-04-2025

छत्तीसगढ़ : बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे व्यापक और सघन अभियान शुरू किया है। तेलंगाना सीमा से सटे बस्तर के दुर्गम जंगलों में चल रहे इस ऑपरेशन में अब तक पांच नक्सलियों को मार गिराया गया है, जबकि 100 से अधिक आईईडी बरामद कर एक बड़े हमले की साजिश को नाकाम किया गया है।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा जिलों की सीमा पर, नक्सली गतिविधियों के लिए कुख्यात क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने एक बड़ा अभियान छेड़ रखा है। यह ऑपरेशन खासतौर पर बस्तर के जंगलों में चलाया जा रहा है, जहां कुख्यात नक्सली कमांडर हिड़मा और देवा के गढ़ माने जाते हैं।

ऑपरेशन पिछले 30 घंटों से लगातार जारी है, जिसमें अब तक पांच नक्सलियों को ढेर कर दिया गया है। वहीं, जंगलों में बिछाए गए 100 से अधिक आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) को भी बरामद कर निष्क्रिय किया गया है। इतनी बड़ी संख्या में विस्फोटकों की बरामदगी इस बात का संकेत है कि नक्सली किसी बड़े हमले की फिराक में थे।

10 हजार से अधिक जवान तैनात:
इस विशेष ऑपरेशन में करीब 10,000 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। इसमें जिला रिजर्व गार्ड (DRG), बस्तर फाइटर्स, विशेष कार्य बल (STF), राज्य पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और इसकी कमांडो इकाई COBRA जैसे विशेष बलों को लगाया गया है। ड्रोन और हेलीकॉप्टर की मदद से पूरे इलाके की निगरानी की जा रही है।

खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई:
बताया जा रहा है कि इस बड़े ऑपरेशन की योजना खुफिया इनपुट के आधार पर बनाई गई थी। इनपुट में जानकारी मिली थी कि हिड़मा और देवा समेत कई वांछित नक्सली इस क्षेत्र में मौजूद हैं। सुरक्षा बलों का लक्ष्य नक्सलियों के गढ़ में घुसकर उनके ठिकानों को ध्वस्त करना और नेतृत्वकर्ता कमांडरों को पकड़ना या मार गिराना है।

ऑपरेशन अभी जारी:
सुरक्षा बलों के अधिकारियों के मुताबिक, ऑपरेशन अभी जारी है और आने वाले घंटों में और भी बड़ी कार्रवाई की संभावना है। इलाके को चारों तरफ से घेरकर तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है।

गृह मंत्रालय की विशेष निगरानी:
इस ऑपरेशन पर केंद्र सरकार भी करीबी नजर बनाए हुए है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की निगरानी में ऑपरेशन की हर गतिविधि पर पल-पल नजर रखी जा रही है।

स्थानीय प्रशासन अलर्ट पर:
इधर, स्थानीय प्रशासन ने आसपास के गांवों में सतर्कता बरतने और आम नागरिकों को जंगलों में न जाने की सलाह दी है। साथ ही संदेहास्पद गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को देने का आग्रह किया गया है।

यह ऑपरेशन छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र सरकार द्वारा नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे संयुक्त प्रयासों की एक बड़ी और निर्णायक कड़ी के रूप में देखा जा रहा है।

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