ऑपरेशन सिंदूर पर सेना ने दी पूरी जानकारी

Published Date: 12-05-2025

‘सभी टारगेट हासिल किए, भारत के सभी पायलट सुरक्षित लौटे…’,

नई दिल्ली:अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा घोषित भारत-पाकिस्तान सीजफायर के आधिकारिक ऐलान के कुछ ही घंटों बाद श्रीनगर समेत कई भारतीय क्षेत्रों में ड्रोन देखे गए और धमाकों की आवाज़ें सुनी गईं. पाक द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन करने के कुछ ही घंटों बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने कड़ा रुख अपनाया है. मंत्रालय के अनुसार, सेना को पाकिस्तान की इस हरकत का जवाब देने के लिए सख्त कदम उठाने के आदेश दिए गए हैं.

सीजफायर के ऐलान के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत को “गीदड़ भभकी” दी और भारत-पाक तनाव पर बात की. उन्होंने भारत पर पहलगाम को बहाना बनाकर युद्ध की स्थिति पैदा करने और कई बेबुनियाद आरोप लगाए. शरीफ ने चीन को एक भरोसेमंद मित्र बताया है.

भारत के कई शहरों में आज भी ब्लैकआउट लागू किया गया. राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए.

ऑपरेशन सिंदूर पर मीडिया को संबोधित करते हुए DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने भावुक शब्दों में शहीदों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि मैं ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए अपने 5 वीर साथियों और उन नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने इस संघर्ष में अपनी जान गंवाई. हमारी संवेदना उन सभी शोक संतप्त परिवारों के साथ है. उनके बलिदान को देश कभी नहीं भूलेगा. लेफ्टिनेंट जनरल घई ने यह भी कहा कि भारत ने अब तक अत्यंत संयम बरता है और सभी सैन्य कार्रवाइयां संयमित, उद्देश्यपूर्ण और गैर-उकसाने वाली रही हैं, लेकिन उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर भारत की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता या नागरिकों की सुरक्षा को कोई खतरा हुआ, तो उसका जवाब निर्णायक और कठोर तरीके से दिया जाएगा.

एयर मार्शल एके भारती ने दो टूक कहा कि भारत का उद्देश्य दुश्मन को करारा जवाब देना था, न कि बॉडी बैग्स गिनना. उन्होंने कहा कि हमने जो भी तरीके और साधन चुने, उनका दुश्मन पर अपेक्षित प्रभाव पड़ा. कितने मारे गए? कितने घायल हुए? ये गिनती करना हमारा काम नहीं है. हमारा लक्ष्य था दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाना, बॉडी बैग गिनना नहीं. एयर मार्शल भारती ने यह स्पष्ट किया कि भारत का मकसद किसी भी तरह की गैर-जरूरी तबाही नहीं था, बल्कि उन ठिकानों को तबाह करना था जो सीधे आतंकवाद से जुड़े थे.

प्रेस ब्रीफिंग में एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि हमने जो टारगेट तय किए थे, उन्हें पूरी तरह से हासिल कर लिया है और हमारे सभी पायलट सुरक्षित घर लौट आए हैं. भारतीय सशस्त्र बलों को लेकर उन्होंने कहा कि हमारी सेनाएं फिलहाल बेहद हाईअलर्ट पर हैं, और किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए तैयार हैं.

भारतीय नौसेना के डायरेक्टर जनरल नेवल ऑपरेशन्स (DGNO) वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद भारतीय नौसेना की कैरियर बैटल ग्रुप, सतह से लड़ने वाली यूनिट्स, पनडुब्बियां और नौसैनिक विमानन संसाधन युद्ध की पूरी तैयारी के साथ समुद्र में तैनात कर दिए गए. उन्होंने बताया कि आतंकी हमले के 96 घंटों के भीतर अरब सागर में कई हथियार परीक्षणों के दौरान हमने अपनी रणनीति और संचालन प्रक्रियाओं को परखा और बेहतर किया. भारतीय नौसेना की ताकतवर मौजूदगी ने पाकिस्तान को उसकी नौसेना और वायुसेना को बंदरगाहों और तटीय इलाकों तक सीमित रहने को मजबूर कर दिया, जिन्हें लगातार मॉनिटर किया गया.

वाइस एडमिरल प्रमोद ने कहा कि हमारी जवाबी कार्रवाई संयमित, संतुलित, गैर-उत्तेजक और जिम्मेदार रही है. हमने ऐसे ठिकानों को लक्ष्य बनाने की तैयारी कर रखी थी, जिन पर ज़रूरत पड़ने पर हमला किया जा सके. जिनमें कराची भी शामिल था. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय नौसेना अभी भी समुद्र में पूरी ताकत के साथ डटी हुई है और किसी भी शत्रुतापूर्ण हरकत का निर्णायक जवाब देने के लिए तैयार है.

भारतीय वायुसेना के डायरेक्टर जनरल एयर ऑपरेशंस एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान पर वहां हमला किया जहां उसे सबसे ज्यादा चोट पहुंचे. उन्होंने बताया कि एक तेज़, समन्वित और संतुलित जवाबी हमले में हमने पाकिस्तान के वायुसेना अड्डों, कमांड सेंटर्स, सैन्य ढांचों और एयर डिफेंस सिस्टम्स को पूरे पश्चिमी मोर्चे पर निशाना बनाया. भारतीय हमलों में चकलाला, रफीक और रहीम यार खान जैसे अहम एयरबेस शामिल थे. इसके बाद सरगोधा, भुलारी और जैकबाबाद जैसे अन्य प्रमुख सैन्य ठिकानों पर भी हमले किए गए. उन्होंने कहा कि हमारे पास इन सभी ठिकानों के हर सिस्टम को निशाना बनाने की पूरी क्षमता है और उससे भी आगे तक जाने की.

DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने पाकिस्तान सेना द्वारा हुए नुकसानों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की. उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर पाकिस्तान के 35-40 सैनिकों के हताहत होने की बात की थी. जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया, तो पाकिस्तान सेना ने भारतीय सेना और भारतीय सशस्त्र बलों के बुनियादी ढांचे को भी टारगेट किया. उन्होंने कहा कि हमारा टारगेट आतंकी ठिकानों पर था और बाद में जब पाकिस्तान ने हमारे बुनियादी ढांचे पर एयर इंट्रूजन और एयर ऑपरेशंस शुरू किए, तो हमने भारी हथियारों का इस्तेमाल किया, और निश्चित रूप से उस दौरान हताहत हुए होंगे, लेकिन उनकी संख्या अभी तक आंकी जा रही है. उन्होंने कहा कि जो 3 दिन तक चला वो युद्ध से कम नहीं था. हमारे सभी पायलट सुरक्षित लौटे हैं.साथ ही कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में हमारे 5 जवान शहीद हुए हैं.

DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि मेरी पाकिस्तान के DGMO से कल दोपहर 3:35 बजे संपर्क हुआ, जिसके परिणामस्वरूप 10 मई 2025 शाम 5:00 बजे से दोनों देशों के बीच सीजफायर और एयर इंट्रूजन पर विराम लगा, जैसा कि पाकिस्तान के DGMO ने प्रस्तावित किया था. उन्होंने कहा कि हमने 12 मई 2025 दोपहर 12 बजे फिर से बात करने का निर्णय लिया, ताकि इस समझौते को मजबूत और दीर्घकालिक बनाने के तरीके पर चर्चा की जा सके. हालांकि, निराशाजनक रूप से पाकिस्तान सेना ने केवल कुछ घंटों में ही इन समझौतों का उल्लंघन किया और क्रॉस बॉर्डर फायरिंग और ड्रोन आक्रमण करके यह तय किया कि वे हमारी सहमति का पालन नहीं करेंगे. लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि हमने इन उल्लंघनों का जवाब मजबूती से दिया और आज सुबह हमारे द्वारा एक हॉटलाइन संदेश पाकिस्तान के DGMO को भेजा गया, जिसमें हमनें इन उल्लंघनों को स्पष्ट रूप से बताया. साथ ही पाकिस्तान द्वारा इन उल्लंघनों को दोहराए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया की बात कही. उन्होंने में कहा कि हमारे आर्मी चीफ ने हमारे सेना कमांडरों को पाकिस्तान द्वारा किसी भी उल्लंघन पर तुरंत और कड़ा जवाब देने के निर्देश दिए हैं.

वायुसेना के डायरेक्टर जनरल एयर ऑपरेशन्स (DG Air Ops) एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने कहा कि 8 मई को भारतीय वायुसेना ने लाहौर स्थित पाकिस्तानी निगरानी रडार साइट्स को निशाना बनाया. यह कार्रवाई हमारी तरफ से एक सधा हुआ जवाब था, जिसके बाद भी पाकिस्तान की ओर से ड्रोन हमले जारी रहे जिन्हें हमने पूरी तरह से नाकाम किया. उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी ड्रोन और अन्य मानवरहित प्रणालियों ने एक साथ कई भारतीय एयरबेस को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम पहले से तैयार थे और उन्होंने सभी हमलों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया.

भारतीय वायुसेना के डीजी एयर ऑपरेशन्स एयर मार्शल एके भारती ने बताया कि 7 मई को पाकिस्तान द्वारा की गई गोलाबारी में भारत में कोई क्षति नहीं हुई, क्योंकि भारतीय वायु रक्षा प्रणाली पूरी तरह सक्रिय और सतर्क थी. हमारी एयर डिफेंस तैयारियों की वजह से पाकिस्तानी हमले से कोई नुक़सान नहीं हुआ. हमने हर संभावित खतरे को समय रहते निष्क्रिय कर दिया. उन्होंने बताया कि 8 और 9 मई की रात लगभग रात 10:30 बजे से पाकिस्तान की ओर से भारत के शहरों की ओर ड्रोन, यूएवी (Unmanned Aerial Vehicles) और यूसीएवी (Unmanned Combat Aerial Vehicles) छोड़े गए. 7 मई को जहां UAV भेजे गए, वहीं 8 मई को इनकी संख्या में कमी आई. लेकिन इनका उद्देश्य निगरानी और नागरिकों को डराना था.

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित आतंकवादी अड्डे पर सटीक मिसाइल हमला कर उसे पूरी तरह तबाह कर दिया. ये इलाका जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख ठिकाना माना जाता है, जहां से लंबे समय से भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियाँ संचालित की जा रही थीं. भारतीय वायुसेना के डीजी एयर ऑपरेशन्स एयर मार्शल एके भारती ने इस हमले की ड्रोन और सैटेलाइट फुटेज प्रस्तुत की, जिसमें बहावलपुर में हुए भारी विनाश को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है.

एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के मुरिदके स्थित आतंकी शिविर को सटीक मिसाइल हमले में पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया. ये वही इलाका है जिसे लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद का गढ़ माना जाता है.

DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि पाकिस्तान ने बीते दिनों भारतीय सैन्य अड्डों को निशाना बनाने की कई कोशिशें कीं, लेकिन ये प्रयास ज्यादातर विफल रहे. पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों के ज़रिए कई सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने समय रहते इन सभी खतरों को नाकाम कर दिया.

वायुसेना के डायरेक्टर जनरल एयर ऑपरेशंस एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने बेहद सावधानीपूर्वक केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया और कोई भी नागरिक हानि नहीं होने दी. हमने पूरी योजना इस तरह बनाई थी कि सिर्फ आतंकी कैंपों पर सटीक वार किया जाए और किसी आम नागरिक को नुकसान न पहुंचे.

DG Air Ops एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने कहा कि हालात कठिन हैं, हम ये प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करना चाहते थे, लेकिन ज़रूरी हो गया था. भारतीय वायुसेना ने मुरीदके और बहावलपुर जैसे आतंकी ठिकानों पर हमला किया. ये दोनों स्थान अंतरराष्ट्रीय सीमा से काफी अंदर थे, इसलिए इन्हें चुनना रणनीतिक रूप से अहम था. IAF ने सटीक हमलों के लिए सैटेलाइट और इंटेलिजेंस आधारित टार्गेटिंग और प्रिसिशन म्यूनिशन का इस्तेमाल किया.

DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की योजना पहलगाम में भारतीय नागरिकों पर हमले के बाद बनाई गई. इस ऑपरेशन का स्पष्ट सैन्य उद्देश्य था- आतंकवादियों और उनके ठिकानों को तबाह करना, हमने सीमा पार आतंकी कैंपों की गहराई से पहचान की. लेकिन वहां कई ठिकाने पहले ही खाली कर दिए गए थे, लेकिन हमें 9 ऐसे ठिकाने मिले जिन्हें हमारी एजेंसियों ने एक्टिव बताया. इनमें से कुछ ठिकाने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और कुछ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में थे- जैसे मुरीदके, जो कसाब और डेविड हेडली जैसे आतंकियों से जुड़ा रहा है. हमारे हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें यूसुफ अज़हर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद जैसे हाई वैल्यू टारगेट शामिल हैं. ये आतंकी IC 814 हाइजैक और पुलवामा हमले से जुड़े थे. जनरल घई ने बताया कि एलओसी पर पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया और उनकी ओर से नागरिक क्षेत्रों जैसे गुरुद्वारों को भी निशाना बनाया गया.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारतीय थल सेना के महानिदेशक सैन्य अभियान (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का मकसद सिर्फ आतंकियों का खात्मा करना था. हमने 100 आतंकियों को खत्म किया. साथ ही आतंकी ठिकाने उड़ाने के सबूत दिखाए. सेना ने आतंकी हमले का जवाब दिया. मुदस्सर खार, हाफिज जमील और यूसुफ अजहर जैसे तीन बड़े आतंकियों को ढेर किया.

Related Posts

About The Author