झारखंड में ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर -ईडी की छापेमारी

चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम की अवैध कमाई का खुलने लगे हैं राज, दूसरे दिन भी ईडी की छापेमारी और पूछताछ है जारी

झारखंड : ईडी ने मंगलवार की सुबह से ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र कुमार राम के 24 ठिकानों में छापेमारी शुरू की थी और बुधवार को भी छापेमारी जारी है। वीरेंद्र राम और आलोक रंजन फिलहाल ईडी की हिरासत में है। पूछताछ में ईडी के सामने वीरेंद्र राम ने कई सफेदपोसों के साथ अपने संबंधों का भी खुलासा किया है। ईडी ने उनके अवैध कमाई के कई दस्तावेज जेवर और नगदी रुपए भी जप्त किए हैं। ईडी अधिकारियों को विश्वास है विरेंद्र राम के पास से काली कमाई का अकूत संपत्ति बरामद हो सकता है।

ईडी को वीरेंद्र राम के पास से एक पेन ड्राइव मिलाने की बात बताती जा रही है। उस पेन ड्राइव में ठेकेदारों से पैसे लेने और कई नेताओं को पैसे पहुंचाने के सबूत हैं। मिली जानकारी के मुताबिक ईडी बीते कुछ माह से वीरेंद्र कुमार राम को अपने सर्विलांस पर रखे हुई थी। सर्विलांस के दौरान भी कई नेताओं तक पैसे पहुंचाने की जानकारी ईडी को मिली है।
झारखंड में मंगलवार से रांची व जमशेदपुर, बिहार के सिवान, पटना, हरियाणा के सिरसा, दिल्ली स्थित विभिन्न जगहों पर ईडी सुबह से छापेमारी शुरू की।छापेमारी में ईडी ने 8 महंगी गाड़ियां, छह मकान ,डेढ़ करोड़ के ज़ेवरात और तक़रीबन 30 लाख कैश बरामद किया था। इसके अलावे ईडी को वीरेंद्र कुमार द्वारा अर्जित 100 करोड़ की संपत्ति का भी पता चला है। जिसके बाद ईडी ने वीरेंद्र राम और आलोक रंजन को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया था। वीरेंद्र राम के पास से मिले कागजातों के आधार पर ईडी को पता चला कि छह मकान दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में है। जिसकी कीमत बीस करोड़ रुपए से अधिक है। वही रांची एवं जमशेदपुर में भी वीरेंद्र राम के आलीशान मकान है और उन्होंने विभिन्न स्थानों में करोड़ों रुपए का निवेश कर रखा है।
असल में यह पूरा मामला ईडी के रडार पर 16 नंबर 2019 को तब आया जब जमशेदपुर में ग्रामीण कार्य विभाग के कनीय अभियंता सुरेश प्रसाद वर्मा के घर से 2.44 करो रुपए की बरामदगी हुई थी । तब सुरेश कुमार वर्मा ने (एसीबी) एंटी करप्शन ब्यूरो को बताया था कि यह रुपया उनके वरीय अधिकारी वीरेंद्र कुमार राम का है। उसके बाद से ईडी गोपनीय तरीके से वीरेंद्र कुमार राम के विरुद्ध साक्ष्य जुटाने में लग गई। अधिकारियों को जानकारी मिला की वीरेंद्र कुमार राम अपनी पत्नी राजकुमारी को चुनाव लड़ाना चाहते थे इसके लिए उनकी पत्नी अक्सर समाजसेवी के रूप में अखबारों को विज्ञापन दिया करती थी। राजकुमारी जमशेदपुर के पटमदा विधानसभा और रांची से चुनाव लड़ना चाह रही थी। लेकिन बात बनी नहीं और इस बीच 2.44 करोड़ रुपया पकड़ा गया जो उनके पति की अवैध कमाई बताई जा रही है। इससे वीरेंद्र कुमार राम की पत्नी बैकफुट पर आ गई और विज्ञापन और समाज सेविका धंधा उनका बंद हो गया। वहीं ईडी पूरे मामले को मनी लांड्री अधिनियम के तहत जांच कर रही है। ईडी को आशंका है कि वीरेंद्र कुमार राम ने पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार से उक्त रुपए की कमाई की गई है।

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