22 वर्ष में आबादी के साथ ही रिम्स पर दबाव बढ़ा, पर सुविधाएं नहीं बढ़ी

झारखंड : रांची, रिम्स को एम्स के रूप में अपग्रेड करने से संबंधित मामला सांसद संजय सेठ ने लोकसभा में नियम 377 के तहत रखा। श्री सेठ ने सरकार से आग्रह किया कि रांची सहित पूरे झारखंड की जरूरत और बढ़ती आबादी को देखते हुए रिम्स को अविलंब एम्स में अपग्रेड किए जाने की आवश्यकता है।
सांसद ने सदन में सरकार से कहा कि रिम्स अस्पताल, रांची की लाइफ लाइन है। इस पर सिर्फ झारखंड की राजधानी रांची ही नहीं बल्कि पूरे राज्य की निर्भरता है। लोग सामान्य बीमारियों से लेकर आपात स्थिति तक इस अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं। सिर्फ झारखंड ही नहीं हमारे सीमावर्ती उड़ीसा, छत्तीसगढ़, बिहार और बंगाल राज्यों से भी मरीज यहां आते हैं।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से नहीं संभल पा रहा है रिम्स।आज राज्य सरकार की लापरवाही व अनदेखी और अस्पताल में संसाधनों की कमी के कारण कई बार लोग इलाज के अभाव में किसी और परिस्थिति का शिकार हो जाते हैं। राज्य की उम्मीदों के इस अस्पताल में, अब लोगों की उम्मीदें दम तोड़ रही है। लोग बीमारियों के उपचार के लिए दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं। निजी अस्पतालों पर उनकी निर्भरता बढ़ रही है। आर्थिक रूप से हमारे नागरिक और भी समस्या ग्रस्त हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मेरा सरकार से आग्रह है कि यहां स्वास्थ सुविधाओं का विस्तार किया जाए। मेडिकल की सीटें बढ़ाई जाए। इसे एम्स के रूप में अपग्रेड किया जाए ताकि रांची का गौरव और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा सके।

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