झारखण्ड के सेवानिवृत्त सेल्स टैक्स कमिश्नर की माँ की लूटपाट के दौरान गला दबाकर हत्या
करीबी पर शक…सीसीटीवी में दिखे दो संदिग्ध, दोनों के पहचान में जुटी पुलिस, एक हिरासत में
बिहार : झारखण्ड के सेवानिवृत्त सेलटैक्स कमिश्नर की माँ की लूटपाट के दौरान गला दबाकर हत्या कर दी गई। घटना बिहार,पटना के बुद्धा कालोनी थाना के पीछे दुजरा के पासवान टोला में गांधी मूर्ती के पास की है। लूटपाट के दौरान वृद्ध महिला ललिता देवी की गला दबाकर हत्या कर दी गई। घटना सोमवार के देर रात की बताई जा रही है। बदमाशों ने ललिता देवी की हत्या के बाद उनके गले से सोने का चेन, हाथ से कंगन निकाल लिया। इसके अलावा उनके तकिया के नीचे रखे तीन पर्स से पैसे भी लूट लिया। दो सुटकेस भी पुलिस को टूटा हुआ मिला है। वहीं कमरे में रखे आलमीरा के लॉक को भी तोड़ने का प्रयास किया गया लेकिन बदमाश उसे तोड़ नहीं पाए। हालांकि उनकी अंगूली में सोने की अंगूठी और नाक की ज्वेलरी बदमाशों ने नहीं ली है। अब तक की छानबीन में यह स्पष्ट हो गया है कि घटना को उनके करीबी ने ही अंजाम दिया है। ललिता देवी के पति अयोध्या प्रसाद की करीब 30 साल पहले सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी है। वे स्वतंत्रता सेनानी थे और सरकारी विभाग में अधिकारी भी थे। उनके कैंपस में अयोध्या प्रसाद और गांधी जी की मूर्ति स्थापित है। वही भीम प्रसाद ललिता देवी के इकलौते पुत्र हैं और वे झारखण्ड के रिटायर सेल टैक्स कमिश्नर हैं।राँची में रहते हैं। पुलिस को घटना की सूचना मंगलवार को दिन के करीब दस बजे मिली। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंच छानबीन की। एफएसएल की टीम और श्वान दस्ता की टीम को मौके पर बुलाया गया और छानबीन की गई। एफएसएल की टीम कई साक्ष्य एकत्र की है। बेटा भीम प्रसाद ने कहा कि हम राँची में थे।माँ यहां अकेली रहती थीं। पुलिस छानबीन कर रही है। वहीं सिटी एसपी मध्य वैभव शर्मा ने कहा कि अब तक की छानबीन में यही स्पष्ट हुआ है कि यह घटना सिर्फ लूटपाट के लिए नहीं की गई है। शरीर पर कई ज्वेलरी हैं ही। पारिवारिक विवाद भी हत्या की वजह हो सकती है। फुटेज में आए चेहरों की पहचान कर ली गई है। जल्द ही मामले में गिरफ्तारी होगी।
पीछे का दरवाज धक्का देकर तोड़ा, ग्राउंड फ्लोर पर अकेली रहती थीं ललिता, फर्स्ट फ्लोर पर है लॉज
ललिता देवी अपने मकान में ग्राउंड फ्लोर पर अकेली रहती थीं। वहीं फर्स्ट फ्लोर पर छात्रों के लिए लॉज चलता है। पीछे के रास्ते में ग्राउंड फ्लोर का ग्रिल पूरी रात खुला रहता है। जिससे छात्र आते जाते हैं। बदमाश उसी ग्रिल के रास्ते अंदर घुसे। इसके बाद ललिता के बेडरुम के दरवाजा का लॉक काटने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाए। इसके बाद गेट को धक्का देकर खोल दिया। लूटपाट के दौरान घटना को अंजाम देने के बाद बदमाश इसी रास्ते से फरार हो गया। कमरे में रखे किसी अन्य महंगे सामान को बदमाशों ने हाथ भी नहीं लगाया। बदमाश किसी अन्य कमरे में भी नहीं गए। बुधवार को सुबह के करीब 9 बजे जब दाई काम करने आई तब उसने सामने का दरवाजा खटखटाया। काफी देर बाद भी जब ललिता देवी ने दरवाजा नहीं खोला तब वह पड़ोसियों को बताई। रिश्ते में ललिता देवी की पोती नूतन ने कहा कि दाई के कहने के बाद हमलोग पीछे के रास्ते से अंदर गए तो देखा कि दादी की सांस थम चुकी है।
12.34 बजे रात में घर से बाहर निकलते दिखा दो संदिग्ध, दोनों की हो चुकी है पहचान, एक स्थानीय
लॉज में रह रहे छात्रों ने बताया कि रात के 11 बजे दादी ने आवाज दी थी कि पानी की टंकी भर गई है। मोटर बंद कर दो। इसके बाद वह सोने चली गईं। बदमाश 11.30 बजे के बाद ही घर में आए और घटना को अंजाम दिया। आसपास के सीसीटीवी कैमरे को देखने के बाद पता चला कि 12.34 बजे दो संदिग्ध घर के पीछे से निकलते हुए दिख रहा है। दोनों की उम्र 20 से 22 साल के बीच की है। जिसमें से एक युवक के हाथ में एक थैला है। पुलिस का दावा है कि दोनों की पहचान कर ली गई है। सूत्रों की माने तो दोनों बदमाशों में से एक स्थानीय है और ललिता देवी के परिवार का करीबी है। वह पूर्व में जेल भी जा चुका है। देर रात तक पुलिस मामले में छापेमारी करते रही। पुलिस मुहल्ला के ही एक घर में छापेमारी की है और देर रात को एक युवक को हिरासत में भी ली है।
मृतिका के पति ने की थी दो शादी, पारिवारिक विवाद भी जांच रही पुलिस
अयोध्या प्रसाद ने दो शादी की थी। पहली पत्नी श्याम सुंदरी से तीन बेटा और एक बेटी थी। तीन बेटों में भरत प्रसाद और नकुल प्रसाद की मृत्यु हो चुकी है। तीसरा बेटा शत्रुघ्न प्रसाद झारखण्ड में ही रहते हैं। अयोध्या प्रसाद की दूसरी पत्नी ललिता देवी थीं। उनसे एक बेटा भीम प्रसाद ही हैं। पुलिस परिवार के अन्य लोगों से भी पूछताछ की है और पारिवारिक विवादों के बारे में भी जानकारी ली है।
एफएसएल को साक्ष्य तलाशने में होगी परेशानी, फिंगर प्रिंट मिलना मुश्किल
सुबह के करीब नौ बजे दाई के कहने पर ललिता के रिश्तेदार और पड़ोसी कमरे में आए तब पहली दफा उन लोगों को लगा कि उनकी मौत हर्ट अटैक से हुई है। लोगों ने उन्हें सीपीआर भी दिया। इसके अलावा कई समानों को हाथ लगाया। इस कारण मौके से एफएसएल की टीम को महत्वपूर्ण फिंगर प्रिंट नहीं मिले। हालांकि एफएसएल की टीम कटर सहित अन्य साक्ष्य घटनास्थल से एकत्र की है।