नई दिल्ली:तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने लोकसभा से हुए निष्कासन के खिलाफ खुले मैदान में कदम रखने का साहस दिखाया है, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में विरोध दर्ज करने का निर्णय किया है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मोइत्रा को अनैतिक आचरण के आरोप में बर्खास्त किया था, जिसका मुकाबला करते हुए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में यह कहा है कि एथिक्स कमेटी के पास ऐसा निष्कर्ष लेने का कोई अधिकार नहीं है।
इस मुद्दे पर होने वाले रिव्यू हेयरिंग से पहले मोइत्रा ने राजनीतिक तर्कों का समर्थन किया है और यह दावा किया है कि उनका निष्कासन भाजपा के खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है। उनके इस कदम से तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच तनाव में वृद्धि हो रही है और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से होने वाले निर्णय से आने वाले दिनों में राजनीतिक संस्कार में बदलाव आ सकता है।